यह भी पढ़ें- एमपी के पूर्व मुख्य सचिव के घर ईडी के छापे की खबर, इकबाल सिंह ने बताया अफवाह
आधिकारिक घोषणा के पूर्व ही वे दो दिनों से राजगढ़ Rajgarh Loksabha में ही डेरा डालकर बैठे थे। लोकसभा चुनाव जीतने के लिए दिग्विजय सिंह ने अपना इलेक्शन प्लान election plan भी तैयार कर लिया है। टिकट मिलते ही वे हिंदुत्व की राह पर चल पड़े हैं। शनिवार को ब्यावरा में कई धर्मस्थलों पर पहुंचे। इतना ही नहीं, कार्यकर्ताओं और लोगों को यह भी बताया कि उनके परिवार ने यहां कितने मंदिर बनवाए हैं।
राघौगढ़ के विधायक जयवर्धनसिंह, पूर्व सांसद नारायणसिंह आमलाबे, पूर्व विधायक रामचंद्र दांगी, पुरुषोत्तम दांगी आदि नेताओं के साथ ब्यावरा पहुंचे दिग्विजय सिंह Digvijay Singh ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। वे धार्मिक स्थलों पर भी पहुंचे।
राजगढ़ क्षेत्र से मेरा 40 सालों का नाता – दिग्विजय सिंह ने कहा- राजगढ़ क्षेत्र से मेरा 40 सालों का नाता हैं। यहां के नागरिकों की मैनें यथोचित सेवा की है, इसलिए मुझे विश्वास है कि यहां की जनता का आशीर्वाद मुझे मिलेगा।
उन्होंने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए दिग्विजयसिंह ने इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भाजपा खुद को राम भक्त बताती है, धार्मिक और सनातनी होने का दावा करती है लेकिन गो मांस का धंधा करने वालों से भी भाजपा ने चंदा ले लिया। यही है भाजपा का असली चेहरा। उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी हमला बोला। दिग्विजय ने कहा कि उनको मंत्री पद का लालच था और कांग्रेस में रहने में डर लग रहा था।
बीजेपी के वर्तमान सांसद पर कटाक्ष करते हुए दिग्विजय बोले कि उन्हें बताया गया है कि सांसद ने पिछले 10 साल में बड़े पैमाने पर आर्थिक प्रगति की है। इस पर रिसर्च होना चाहिए, ताकि जानकारी जनता के सामने आ सके।
तैयार किया इलेक्शन प्लान
दिग्विजय सिंह ने अपना इलेक्शन प्लान भी बताया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से चर्चा करते हुए कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस तीन दिनी पद यात्रा निकालेगी। उन्होंने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में 20 किलोमीटर की पद यात्रा में मतदाताओं से मुलाकात कर उनसे समर्थन की अपील करेंगे।
हमने कई मंदिर बनवाए
दिग्विजय सिंह ने बीजेपी के हिंदुत्व पर प्रहार करते हुए खुद को धार्मिक व्यक्ति बताया। उन्होंने अपने परिवार द्वारा मंदिर बनवाए जाने की बात भी बताई। दिग्विजयसिंह ने कहा— भाजपा वाले प्रचार करते हैं कि दिग्विजय सिंह मुस्लिम हो गया, इसाई हो गया… जबकि उन्हें मालूम नहीं है कि राघौगढ़ में हमने कितने मंदिर बनवाए हैं।