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एमपी के 114 गांवों में बिछेगी ‘पाइप लाइन’, फसल क्षतिपूर्ति का मिलेगा मुआवजा

Mp news: परियोजना के अंतर्गत आने वाले करीब 114 गांव के जमीन से होकर ये पाइप लाइन निकलेंगी। प्रेशराइज्ड सिंचाई के लिए पाइप लाइन को खेतों में खोदकर अंदर डाला जाएगा।

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Irrigation pipeline

Irrigation pipeline

Mp news: देशभर में मॉडल बनीं हुई एमपी के मोहनपुरा-कुंडालिया डेम की प्रेशराइज्ड सिंचाई व्यवस्था सभी नई परियोजनाओं में लागू की जा रही हैं। इसी के तहत नरसिंहगढ़ में पार्वती नदी पर बने रेसई वृहद परियोजना से निकलने वाली नहर में भी प्रेशराइज्ड सिंचाई लाइन डाली जाएगी। इसके लिए काम शुरू कर दिया गया है।

दरअसल, 1816 करोड़ की इस परियोजना से नरसिंहगढ़ व आसपास के किसानों की करीब 48 हजार हैक्टेयर जमीन पर सिंचाई होगी। खेतों से होकर लाइनें डाली जाएंगी। इसके बाद अलग-अलग पैनल बनाकर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से कनेक्शन दिया जाएगा, उसी हिसाब से इसका भुगतान भी नियमानुसार वसूला जाएगा।

वर्तमान में लाइन का काम चालू करने के लिए संबंधित किसानों को नोटिस दिए गए हैं। यदि फसल रहते हुए लाइनें डाली जाती हैं तो फसल क्षतिपूर्ति मुआवजा भी मिलेगा। साथ ही खेत में से होकर निकाली जाने वाली लाइन के लिए भूमि के मान से 15 प्रतिशत क्षतिपूर्ति राशि दी जाएगी। इसके संबंध में संबंधित तहसीलदार और जल संसाधन विभाग के एसडीओ को निर्देशित किया जा चुका है।

पेयजल के लिए अभी पीएचई पर निर्भर, डैम से राहत मिलेगी

सिंचाई के साथ ही पेय जल के लिए भी यह बड़ी राहत होगी। वर्तमान में नरसिंहगढ़ ब्लॉक पूरी तरह से पीएचई के प्रोजेक्ट के भरोसे है और पीएचई के लाइनें चल नहीं पा रहीं। ट्यूबवेल और हैंडपम्प फैल हैं, लाइनों का काम भी अधर में है। ठेकेदारों ने जमीनी काम किया ही नहीं है। इसीलिए अब नई परियोजना से लाइनें जुड़ने से काफी फायदा जनता को हो जाएगा। बता दें कि अति जल दोहन वाले ब्लॉक में नरसिंहगढ़ है, जहां जल का दोहन सर्वाधिक हो रहा है और पानी की कमी भी यहां है। रेसई परियोजना से बड़ी राहत यहां मिल जाएगी।

क्षतिपूर्ति के रूप में दिया जाएगा मुआवजा

फिलहाल काम शुरू नहीं हुआ है लेकिन जहां भी लाइन निकलेगी वहां खोदने के बाद खेतों को यथावत किया जाएगा। यानी संबंधित एजेंसी को यह करके देना है। वहीं, उपयोग ली जाने वाली भूमि के मूल का 15 प्रतिशत राशि मुआवजा क्षतिपूर्ति के रूप में दिया जाएगा। किसानों को कोई परेशानी न हो इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।-विराट अवस्थी, तहसीलदार, नरसिंहगढ़

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42511 हेक्टेयर जमीन सींचित होगी

परियोजना के अंतर्गत आने वाले करीब 114 गांव के जमीन से होकर ये पाइप लाइन निकलेंगी। प्रेशराइज्ड सिंचाई के लिए पाइप लाइन को खेतों में खोदकर अंदर डाला जाएगा।

इन प्रमुख गांवों में अगवानी, आंवली, बड़बेली बिहार, बड़ल्या, बड़ोदिया तालाब, बंजारी, बरखेड़ा अमरदास, बरखेड़ा डोर, बरोडी, बिजवां, गुड्डूपुरा, हुलखेड़ी, झाड़पीपपल्या, झाड़क्या, झूमका, गनियारी, गाथला, झागरिया, लश्करपुर, कुंवरकोटरी, कोटरी कला, कोटरा, कडियाचंद्रावत, लसूल्ड़या रामनाथ, मवासा, मोतीपुरा, तरेनी धाकड़, तिंदोनिया, श्यामपुरा, सोभागपुरा और इन्हीं गांवों के आसपास के कुल 114 गांव की जमीन से होकर यह लाइन निकलेगी। इन गांवों की 42511 हैक्टेयर जमीन इससे सींचित होगी। खुदाई के बाद पाइप लाइन के ऊपर मिट्टी का कवर 1.2 मीटर रखेंगे। यदि फसल होने की स्थिति में खुदाई होती है तो उसकी क्षतिपूुर्ति भी अलग से मिलेगी।

फैक्ट-फाइल

1816 करोड़ की लागत से बन रही परियोजना
95 प्रतिशत काम हो चुका है पूरा
सांका श्यामजी की प्रोटेक्शन वॉल भी तैयार
2026 में पूरी क्षमता अनुसार भरा जाएगा बांध
48 हजार हैक्टेयर में होगी सिंचाई