
अनियंत्रित ऑटो की टक्कर से बच्चें की मौत दूसरा घायल
राजगढ़@प्रकाश विजयवर्गीय की रिपोर्ट...
शहर के आसपास ग्रामीण परिवहन का मुख्य साधन बन चुके ऑटो की चपेट में आकर फिर एक जान चली गई। गुरूवार दोपहर करीब डेढ़ बजे राजगढ़ के दाताग्राम के पास अनियंत्रित ऑटो की टक्कर से एक पांच वर्षीय बालक की मौत हो गई जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसका उपचार जिला अस्पताल में चल रहा है। जानकारी अनुसार दाताग्राम निवासी पांच वर्षीय बालक विशाल पिता दुर्गाप्रसाद अपने चचेरे भाई मांगीलाल पिता बद्रीलाल के साथ सायकल का पंचर बनवाने गांव से कुछ दूर स्थित पंचर की दुकान पर जा रहा था।
इसी बीच पिपलोदी की ओर से ही आ रहे ग्रामीणों से खचाखच भरे ऑटो क्रंमाक एमपी ३९ आर ०६२४ ने उन्हें टक्कर मार दी। तेज गति से आ रहे ऑटो की टक्कर के कारण विशाल की मौके ही मौत हो गई जबकि उसके साथ साइकल लेकर पैदल चल रहा करीब १३ वर्षीय चचेरा भाई मांगीलाल गंभीर रूप से घायल हो गया। दोनेा भाईयों को टक्कर मारने के बाद कुछ दूर पर जाकर ऑटो भी पलट गया। दुर्घटना के बाद ऑटो का चालक और उसमें सवार सभी लोग मौके से फरार हो गए। ग्रामीणों ने १०८ को सूचना कर घायलों को जिलाअस्पताल पहुंचाया जहां डाक्टरों ने विशाल को मृत घोषित कर मांगीलाल का उपचार शुरू कर दिया।
विशाल के मातापिता के शाम तक नहीं हो पाई सूचना
दुर्घटना के बाद विशाल के साथ जिला अस्पताल पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि विशाल की माता बचपन में ही उसे दादी के पास छोडकर चली गई थी। वर्तमान मे पिता और और दूसरी मां भी मजदूरी के लिए राजस्थान गए हुए है। ऐसे में दुर्घटना के बाद ग्रामीणों ने काफी देर तक उनसे संपर्क का प्रयास किया लेकिन शाम तक विशाल के माता पिता को उसकी मौत की जानकारी नहीं मिल पाई थी।
ऑटो आए दिन होते है हादसे
राजगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रो खासकर तंवरवाड़ में सैकड़ो की संख्या में दौडऩे वाले इन ऑटो से होनी वाली यह पहली दुर्घटना नहीं है। लगभग रोजना ऑटो और पिकअप से छोटी मोटी दुर्घटना होती रहती है। पिछले कुछ सालों में इनसे हुई दुर्घटना में करीब बीस लोगो की जान चुकी है। १३ दिसंबर २१०६ को राजगढ़ के पास ऑटो बस की दुर्घअना मेंं तो १५ लोगो की जान एक साथ चली गई थी।
दरअसल ग्रामीण क्षेत्रो में पर्याप्त यात्री परिवहन नहीं होने के कारण ग्रामीणों द्वारा इन्हीं ऑटो का उपयोग यात्री वाहन के रूप में किया जा रहा है। पिछले कुछ सालों में राजगढ़ के आसपास के गांवो में हजारों की संख्या में ऑटो खरीदे गए है। लेकिन इनको चलाने वाले अधिकांश चालक अनाड़ी है जिन्हें यात्री वाहन चलाने की जानाकरी नहीं है। इसके बावजूद ऑटो में बीस से पच्चीस तक सवारी बिठाई जाती है। ऐसे में जरा सी चूक दुर्घटना का कारण बन जाती है। परिवहन पुलिस द्वारा कई बार दुर्घटना के कारण बन रहे इन ऑटो को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई की शुरूआत भी की है। लेकिन कुछ दिन चलने के बाद यह कार्रवाई रूक जाती है।
Published on:
05 Jul 2018 04:49 pm
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