
ब्यावरा। कृषि उपज मंडी में उपज बेचने आए किसानों ने बुधवार को कैश को लेकर हंगामा कर दिया। नारेबाजी करते हुए किसानों मुख्य गेट बंद कर दिया, इससे मंडी रोड पर वाहनों की कतार लग गई। मौके पर पहुंची प्रशासनिक टीम ने किसानों को समझाया लेकिन सुबह की मंडी नहीं लग पाई।
किसी के समझाने से नहीं माने
दरअसल, उपज के बदले कैश नहीं देने की स्थिति में किसानों ने हंगामा कर दिया, मंडी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। मौके पर पहुंचीं एसडीएम, मंडी सचिव ने उन्हें समझाइश दी लेकिन वे नहीं मानें। किसानों का कहना है कि हमें कैश नहीं मिलेगा तो हम रोजमर्रा के खर्च कैसे चलाएं? बैंकों में आठ-आठ दिन तक पैमेंट क्लीयर नहीं होता। ऐसी स्थिति में हमें रुपयों के लिए खासा परेशान होना पड़ता है।
पूर्व विधायक आए समर्थन में
इस दौरान किसानों के समर्थन में पूर्व विधायक पुरुषोत्तम दांगी, पूर्व नपाध्यक्ष डॉ. भारत वर्मा भी आए और किसानों को पूरा पैमेंट देने की मांग की। इस पर मंडी प्रबंधन और प्रशासन ने छोटे लॉट वाले किसानों को कैश, 50 हजार की उपज वालों को 15 और एक लाख वालों को 30 हजार कैश देने के निर्देश दिए। बता दें कि शासन के निर्देश हैं कि किसानों को 50 हजार तक का कैश पैमेंट किया जाए, इसके बाद चेक या आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान हो।
व्यापारियों ने बंद की खरीदी
रोजाना की तरह मंडी बुधवार सुबह 11 बजे बंद हो गई थी, लेकिन व्यापारियों ने लगातार आ रही कैश की दिक्कत को लेकर मंडी प्रशासन को आगाह करने के लिए सिंबोलिक खरीदी बंद की लेकिन उसने हंगामे का रूप ले लिया। व्यापारियों का कहना है कि हमने मंडी प्रशासन को सूचित करने के लिए कुछ देर के लिए खरीदी बंद की थी। हम बताना चाहते थे कि बैंक वाले हमें कैश नहीं दे रहे तो हम किसानों को कैसे दें? इसी बात को लेकर किसानों ने हंगामा मचा दिया और आधे दिन की मंडी बंद रही।
इसलिए आ रही परेशानी
जिलेभर की तमाम बैंकों में इन दिनों कैश की किल्लत है। जहां है वहां भी छोटे नोट देने से व्यापारियों की परेशानियां बढ़ रही है। 10 और 50 के नोट किसान लेते नहीं, ऐसे में बार-बार विवाद की स्थिति बन रही है। इधर, किसानों के खाते में जो आरटीजीएस किया जा रहा उसे क्लीयर होने में दिक्कत आ रही है। बैंकों के चक्कर लगाने वाले किसानों का पैमेंट सप्ताहभर में भी क्लीयर नहीं हो रहा। ऐसे में 10 हजार में किसान उधार ली गई राशि चुकाए या घर का खर्च? बैंकों में कैश नहीं होने, व्यापारियों के पास बड़े नोट नहीं होने और किसानों को कैश नहीं मिलने के कारण ऐसी स्थिति बन रही है। बता दें कि यदि अभी से इस समस्या का हल नहीं निकाला गया तो आगामी समय में समर्थन मूल्य की खरीदी और भावांतर भुगतान के दौरान भी ऐसे ही हालात निर्मित होने के आसार हैं।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अवहेलना
- मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि समर्थन मूल्य से कम में उपज नहीं खरीदी जा सकती। बावजूद इसके मंडी में मनमानी चल रही है। जिस किसान ने सुबह पांच हजार में धनिया बेचा उसी धनिये की कीमत थोड़ी देर बाद ही चार हजार कर दी गई। यह सरासर किसानों के साथ नाइंसाफी है। प्रशासन व मंडी को किसानों के हित की परवाह नहीं।
पुरुषोत्तम दांगी, पूर्व विधायक, ब्यावरा
छोटे लॉट में मिलेगा कैश
- छोटे लॉट वाले किसानों को नगदी दे दिया जाएगा, एक लाख तक की उपज वाले किसानों को 30 हजार और ५० हजार तक की उपज वालों को 15 से 20 हजार कैश देने को कहा है। किसानों को भी थोड़ा सहयोग करना होगा, शासन स्तर पर आरटीजीएस के निर्देश हैं और कैश की दिक्कत भी है।
आर. के. रावत, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति, ब्यावरा
वैकल्पिक व्यवस्था करवाई है
- लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति न बनें इसलिए संबंधित व्यापारियों को बोलकर खरीदी शुरू कर दी थी। मंडी प्रबंधन को किसानों के लिए कैश की वैकल्पिक व्यवस्था का बोला है। साथ ही बैंकर्स से भी हमारी चर्चा हुई है कि कैश व्यापारियों को मुहैया करवाएं।
अंजली शाह, एसडीएम, ब्यावरा
Published on:
21 Mar 2018 08:22 pm
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