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एमपी में खाद के लिए परेशान किसानों का हंगामा, आरोप- रुपये देने के बाद भी नहीं मिल रही खाद

MP News: खाद के लिए मन्नत के धागों की जगह पर्चियां बांध देने के बाद अब रुपए देकर नंबर लगाने की शिकायत, खाद के लिए भटक रहे किसान ।

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rajgarh

farmers protest fertilizer shortage urea crisis (सोर्स- पत्रिका)

राजेश विश्वकर्मा

MP News: मध्यप्रदेश के राजगढ़ में खाद की उपलब्धता के कागजी दावे करने वाले अफसरों की बातें झूठी साबित हो रही हैं। समूचे जिले सहित जिला मुख्यालय पर भी किसान खाद के लिए परेशान हैं। किसानों को सिंचाई और जरूरत के समय खाद नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनकी परेशानी बढ़ गई है। खुजनेर रोड स्थित मंडी परिसर में खाद वितरण के दौरान किसानों ने हंगामा कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यहां खाद बांटने वाला स्टाफ अलग से रुपए ले रहा है। 400 रुपए अलग से दे देने के बाद भी खाद नहीं मिल पा रहा। साथ ही तीन से चार दिन बाद भी खाली हाथ लौटा रहे हैं।

किसानों की जरूरत के समय प्रबंध नहीं कर पा रहा प्रशासन

किसानों को इसी समय खाद की जरूरत है, एक माह बाद जरूरत नहीं पडे़गी। लेकिन बीते 15 दिनों से जगह-जगह किसान परेशान ही हो रहा है। प्रशासन कोई समाधान उनका निकाल नहीं पा रहा। एक दिन पहले खिलचीपुर में यही हालात बने थे, वहां भी प्रशासन को किसान परेशान होने के बाद उनकी दिक्कत समझ आई। यही स्थिति अब जिला मुख्यालय सहित अन्य खाद वितरण केंद्रों पर है। जिसे लेकर प्रशासन अनभिज्ञ है। अधिकारियों की बैठकों का दौर चल रहा है, जो खत्म नहीं हो रहा, किसान जद्दोजहद में लगे हैं।

फैक्ट-फाइल

  • 10, 500 मीट्रिक टन यूरिया खाद जिले में उपलब्ध
  • 72500 मीट्रिक टन बंट चुका
  • 67303 मीट्रिक टन पिछले साल बंटा था
  • 3 लाख किसान जिले में
  • 1 लाख किसान सोसायटी से लेते हैं खाद
  • 2 लाख किसान मार्केटिंग सोसायटी और निजी दुकानों से लेते हैं खाद
  • 4.30 लाख हेक्टेयर है सिंचित रकबा(स्त्रोत : कृषि और विपणन विभाग, राजगढ़)

किसान बोले- रुपए देकर ट्रैक्टर भर-भरकर ले जा रहे खाद

-मैंने दो दिन पहले चार सौ रुपए दिए, तब जाकर नंबर लगाया लेकिन आज तक खाद नहीं मिला है। यहां ट्रैक्टर लेकर कई लोग आ रहे हैं, रुपए दे रहे हैं और खाद ले जा रहे लेकिन हमें नहीं दे रहे। रामचंदर, किसान, परसपुरा

-मेरे हाथ में ड्रिप लग रही है, बीमार हूं और खाद लेने के लिए चार दिन से आ रहा हूं, लेकिन आज तक नहीं मिल पाया है। पर्ची दे दी फिर भी खाद नहीं दे रहे। हमें खाद की जरूरत अब है, लेकिन नहीं दे रहे। राधेश्याम, किसान, बड़दला

सीधी-बात: सचिन जैन, उप-संचालक, कृषि विभाग

सवाल- खाद के लिए किसान परेशान हैं, आप लोग जिला मुख्यालय पर भी नहीं हालात सुधार पा रहे?
जवाब : आप डीएम विपणन को बताएं, व्यवस्थाएं देखना उनका काम है। हमारे पास खाद पर्याप्त है।
सवाल- खाद जब पर्याप्त है तो किसान परेशान क्यों हैं?
जवाब : एक साथ भीड़ बढ़ जाने के कारण ऐसा होता है। जिसमें सुधार करवा रहे हैं।
सवाल- किसानों को जरूरत अभी है तो सब आएंगे, भीड़ तो लगेगी ही, इसे नियंत्रण कराना आपका काम है?
जवाब : हां, यह सही बात है अभी खाद की जरूरत है। हमने जिन सोसायटियों में खाद नहीं है उसके लिए विकल्प निकाला है कि वे निजी दुकानों पर जाएं, वहां भी सरकारी रेट में खाद मिलेगा।