8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मां बीजासन की पालकी के दर्शन करने पहुंचे हजारों श्रद्धालु, किन्नरों ने किया नृत्य

राजगढ़. जिले के सबसे बड़े धार्मिक स्थलों में से एक मां बीजासन भैंसवा कस्बे की सैर करने के लिए निकाली।

2 min read
Google source verification
Religious events held overnight

Rajgarh Devotees joined the palanquin journey of Mata Bijasan.

राजगढ़. जिले के सबसे बड़े धार्मिक स्थलों में से एक मां बीजासन भैंसवा माता के मंदिर पर बसंत पंचमी से शुरू हुए विभिन्न धार्मिक आयोजनों के बाद पूर्णिमा को मां भैंसवा कस्बे की सैर करने के लिए निकाली। पालकी के माध्यम से मां को पूरे कस्बे का भ्रमण कराया गया। इस दौरान उन्हें तेरह स्थानों पर विश्राम भी कराया गया। यह आयोजन यहां सालों से चल रहा है। इसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु इस धार्मिक आयोजन में शामिल होने के लिए पहुंचते हैं। परंपरा अनुसार पूर्णिमा की रात आठ बजे विशेष पूजन के बाद मां की पालकी मंदिर से निकाली गई। जो कस्बे में विभिन्न स्थानों पर होते हुए रात भर कस्बे में पालकी के माध्यम से घुमाई गई। सुबह करीब चार बजे के लगभग यह पालकी राम मंदिर में आरती के बाद पुन: वापस मां बिजासन मंदिर ले जाई गई।

दूर-दूर से पहुंचे किन्नर
मां बीजासन की पालकी में शामिल होने के लिए राजगढ़ ही नहीं बल्कि आसपास के कई जिलों से किन्नर इस आयोजन में शामिल होने के लिए पहुंचे और रातभर पालकी के आगे नाचते गाते चलते रहे। यह परंपरा सालों पुरानी है इसमें इंदौर, उज्जैन, झालाबाड, रतलाम, मंदसौर, नीमच आदि से किन्नर आयोजन में शामिल होने के लिए पहुंचते आ रहे हैं।
पुलिस बल तैनात
आयोजन में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और रातभर यह आयोजन होता है। इसमें महिला, पुरुष, बच्चे, वृद्ध, युवा सभी शामिल होते हैं। ऐसे में व्यवस्थाओं को लेकर बड़ी संख्या में पुलिस बल लगाया गया था। यही नहीं मंदिर समिति के सदस्य भी व्यवस्थाओं में लगे रहे।
दिन में लगा मेला
मालवा में आस्था के केंद्र कहे जाने वाले भैंसवा माता मंदिर पर निकलने वाली माता की पालकी से पूर्व कस्बे में एक मेला लगाया गया। दिनभर लोग मेले में शामिल रहे। प्रशासनिक स्तर पर अस्पताल, चौकी, और जगह-जगह पानी की व्यवस्थाओं के लिए भी लोग लगे हुए थे। यूं तो मंदिर पर सालभर भक्तों की भीड़ रहती है। लेकिन इस दिन और भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।