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पेटी में बंद हुए रायशुमारी के तीन-तीन नाम

पांचों विधानसभाओं से विधायकों सहित कई दावेदार पहुंचे अपने समर्थकों को लेकर

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बीजेपी

राजगढ़. विधानसभा चुनाव होने जा रहे, ऐसे में भाजपा हो या कांग्रेस गुट बाजी को तोड़ सबके समर्थन से जीतने वाले प्रत्याशी की तलाश कर रहे है। इसी क्रम में अन्य जिलों के साथ ही राजगढ़ में भी रायशुमारी की गई। जिसमें आमंत्रित विभिन्न पदाधिकारियों से तीन-तीन नाम मांगे गए थे।

इन नामों को अलग-अलग विधानसभा की पेटी में बंद करते हुए शीर्ष नेतृत्व को सोंपने की बात कही गई है। और वही से मंगलवार को हुई रायशुमारी के आधार पर प्रत्याशी की चयन की बात कही जा रही है।

फिलहाल आंचार संहिता का दौर है और शीघ्र ही प्रत्याशियों के नामों पर मोहर लगाई जाए, इसके लिए तेजी से भेजे गए नामों पर चर्चा भोपाल में होगी। राजगढ़ सहित खिलचीपुर, ब्यावरा, नरङ्क्षसहगढ़ और सांरगपुर जैसी विधानसभाओं के प्रत्याशी के चयन के लिए रायशुमारी मंगलवार को 12 बजे से रखी गई थी।

जिसमें पूर्व मंत्री रंजना बघेल और विदिशा से माधव ङ्क्षसह को आना था। दोनों समय पर राजगढ़ आए लेकिन 2 बजे के बाद यह रायशुमारी शुरू हुई। एक-एक कर सभी विधानसभाओं से बुलाए गए आपेक्षित पदाधिकारियों से प्रदेश द्वारा भेजे गए फार्मेट के आधार पर तीन-तीन नाम लिए गए।

खास बात यह है कि इन नामों में पदाधिकारी खुद अपने नाम नही लिख सकते थे। ऐसे में अन्य तीन दावेदारों के नाम रायशुमारी में बताए गए।

फिर मिली कार्यकर्ताओं से....
रायशुमारी में राष्ट्रीय पदाधिकारी सांसद, पूर्व सांसद, जिलाध्यक्ष, पूर्व जिलाध्यक्ष, विधायक, पूर्व विधायक, प्रदेश पदाधिकारी, प्रदेश कार्यसमिति, जिला पदाधिकारी, मंडल अध्यक्ष महामंत्री, जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जनपद नगर पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, निमग के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और विभिन्न मोर्चो के जिलाध्यक्ष आदि को शामिल किया गया था।

लेकिन कुछ कार्यकर्ता जो पार्टी के लिए सक्रियता से काम कर रहे है, वे भी भाजपा कार्यालय पहुंचे थे। जहां उन्होंने भी अपनी बात मंत्री के सामने रखी। इनमें वे लोग शामिल थे, जो खुलकर अपने चाहते नेताओं का नाम ले रहे थे।

हालांकि पूरी रायशुमारी के दौरान पांचों विधानसभाओं से नेता पहुंचे थे, लेकिन टिकट को लेकर किसी प्रकार का कोई विवाद या फिर आक्रोश जैसी बात रायशुमारी के दौरान देखने नही मिली। लेकिन इतना जरूर है कि जो भी अपनी राय के तीन नाम लेकर पहुंच रहा था, उसमें कोई एक नाम नही था। बल्कि कई दावेदार शामिल थे।


हम तो डाकिया है, जो रायशुमारी के दौरान लोगों ने राय रखी थी। उसे प्रदेश के पदाधिकारियों के सामने रखा जाएगा। वे ही प्रत्याशियों के अंतिम नाम पर मोहर लगाएंगे।
रंजना बघेल, पूर्व मंत्री मप्र शासन