
राजगढ़(सारंगपुर)। जिले के पाड़ल्यामाता गांव की पायल पाटीदार ने अनूठी मिसाल पेश की है। उन्होंने अपनी जिद के दम पर जिंदगी बन डाली। कोरोना के दौर में पायल की नौकरी चली गई। परिवार जब संकट की घड़ी से गुजर रहा था, खाने तक के लाले पडऩे लगे तो तब किसान की बेटी पायल ने हौसला दिखाया। इंजीनियरिंग छोड़कर, मेहनत की दम गो-पालन का व्यापार शुरू किया और आज इसी धंधे से हर माह लाखों रुपए कमा रही हैं। पायल अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा भी बन गईं।
अपने गांव का नाम किया रोशन
मौजूदा समय में महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी कार्यकुशलता के साथ ही दक्षता का लोहा मनवा रही हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियों की सीईओं से लेकर यूएन के उच्च पदों पर महिलाएं काबिज हैं। सारंगपुर तहसील के एक छोटे से गांव किलोदा की पायल पाटीदार ने भी आत्मनिर्भरता के मामले में मिसाल पेश की है। पायल किसान की बेटी हैं और पेशे से इंजीनियर हैं। कोरोनाकाल में नौकरी चली के बाद उनका घर चला पाना कठिन हो रहा था। ऐसे में पायल ने हार नहीं मानी और इंजीनियङ्क्षरग छोड़कर गाय पालने का व्यवसाय शुरू किया और उसी को लाभ का धंधा बना लिया। अब पूरे परिवार में खुशहाली का माहौल है।
25 गायों से किया था व्यवसाय शुरू, अब दोगुनी: पायल ने बताया कि मैंने 25 गिर नस्ल की गायों से व्यवसाय शुरू किया था। तब आमदनी कम होती थी। लेकिन अब मेरे पास 50 से अधिक गिर नस्ल के
साथ ही अन्य गायें है। जिनका दूध, घी के साथ ही गोबर बेचकर हर माह लाखों की आमदनी होती है।
इंदौर की कंपनी में करती थी नौकरी
पायल ने बताया कि वे इंदौर में रहकर प्राइवेट कंपनी में नौकरी करती थी। लेकिन कोरोनाकाल में जॉब चली गई। जिसके बाद उन्होंने इंदौर में ही कपड़े की दुकान खोली। लेकिन लॉकडाउन के दौरान दुकान भी बंद करनी पड़ी। जिससे उनकी आमदनी बंद हो गई। ऐसे में वे अपने गांव किलोदा आ गई और यही अपने खेत पर गिर नस्ल की गाय का पालन शुरू किया। शुरुआत में कम आमदनी होती थी। लेकिन अब महीने का लाखों रुपए का टर्नओवर बनता है। ऐसे में पायल अब महिलाओं के साथ ही युवाओं का आदर्श बन गई।
Published on:
03 Mar 2023 01:14 am
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