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आने वाली पीढ़ी को क्या जवाब देंगे कि दूध की जगह जहर पिलाते रहे

इस जहरीले दूध के उत्पादन के लिए कोई एक नहीं बल्कि अफसर, जनप्रतिनिधि, समाज सभी दोषी हैं

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इस जहरीले दूध के उत्पादन के लिए कोई एक नहीं बल्कि अफसर, जनप्रतिनिधि, समाज सभी दोषी हैं

आने वाली पीढ़ी को क्या जवाब देंगे कि दूध की जगह जहर पिलाते रहे

राजगढ़. आने वाली पीढ़ी को हम क्या संदेश देंगे, कि दूध की जगह हम जहर पिलाते रहे समाज को। जब जिले में इतने गोवंश की संख्या ही नहीं है तो आखिर कहां से हो रहा इतना दूध का उत्पादन। इसकी पीड़ा मुझे है। आपको भी होना चाहिए। क्योंकि इस जहरीले दूध के उत्पादन के लिए कोई एक नहीं बल्कि अफसर, जनप्रतिनिधि, समाज सभी दोषी हैं। यह बात सांसद रोडमल नागर ने गोपालकों के पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान कहीं। उन्होंने मंच से माना कि कहीं ना कहीं राजगढ़ जिले में नकली और जहरीले दूध का उत्पादन हो रहा है। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने किसानों से और अन्य लोगों से भी अपील की है कि ऐसे लोगों की जानकारी जहां भी मिले वह जिम्मेदारों को दें। जो तेल पाउडर से दूध बनाकर बेच रहे हैं। ताकि उन पर कड़ी कार्रवाई की जा सके।

उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों समाजसेवी पत्रकार और अधिकारियों का एक सोशल ग्रुप होना चाहिए। जिसमें इस तरह की जानकारी शेयर की जाए और तुरंत इस पर कार्रवाई भी हो। यहां उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग दुग्ध उत्पादन कर रहे हैं वह उनके कॉम्पीटीशन में ही नहीं आ पा रहे। वह हजारों रुपए खर्च करके भी गायों का पालन पोषण नहीं कर पा रहे। जबकि जो गोपालक ही नहीं है वह इस तरह का दूध बनाकर पूरे कारोबार पर पैर जमा रहा है। मंच से उन्होंने यह भी कहा कि यह बात मन से बिल्कुल निकाल दें कि किसी गाय को हम पाल रहे हैं। बल्कि गाय हमें पालती है क्योंकि जब हम गाय की सेवा करेंगे तो निश्चित रूप से हमारी देसी नस्ल जोकि पार्खिकर, रैंडी, मालवीय, साहीवाल, गिर जैसी नस्ल की गाय भी 8 से लेकर 18 लीटर तक दूध दे रही है तो फिर हम क्यों इस काम में पिछड़े हुए हैं।

पहले महाराष्ट्र और गुजरात जाते थे पशु
आयोजन के दौरान भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष दिलबर यादव ने जिले में सड़कों पर घूमती गायों की दुर्दशा को लेकर अपनी तकलीफ बताई । वही पूर्व विधायक अमर ङ्क्षसह यादव ने बताया कि लगभग 10 से 15 साल पहले ही जिले में भारी पशु मेले लगाए जाते थे। यहां से ना सिर्फ प्रदेश में बल्कि गुजरात महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे राज्यों में पशु लेकर जाते थे। लेकिन अब पशुपालन की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं देने के कारण यह मेले भी विलुप्त हो गए हैं। इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष विनोद साहू, भाजपा नेता मनोज हाड़ा, ओपी शर्मा, राजेश खरे, केपी पवार और जिला पंचायत सीईओ अक्षय तेम्रवाल व पशुपालन अधिकारी एमपीएस कुशवाहा मुख्य रूप से मौजूद रहे। इस दौरान प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहने वाले पशुपालकों को पुरस्कृत भी किया गया है। यहां प्रथम आने वाले किसान को 51000, दूसरे स्थान पर रहे पशुपालक को 21000 और तीसरे को 11000 का पुरस्कार दिया गया।