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4 स्वच्छता कमांडो को निकाला गया काम से, ज्ञापन सौंप पुन: काम में रखने की रखी मांग

कोरोना काल में नगर पालिका का अमानवीय कृत्य हुआ उजागर

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 4 sanitation commandos fired from work, memo submitted handed back demand

कोरोना काल में नगर पालिका का अमानवीय कृत्य हुआ उजागर

राजनांदगांव / डोंगरगढ़. स्वच्छता कमांडो की लडाई में महादलित संघ द्वारा सक्रिय भूमिका निभाते हुए नगरपालिका डोंगरगढ़ द्वारा लॉकडाउन के समय 4 कर्मियों को कार्य से निष्पादित करना अमानवीय कृत्य है। स्वच्छता कमांडो एक योद्धा की तरह पूरी ईमानदारी से अपनी सेवाएं देते हुए देश की रक्षा व महामारी से सुरक्षा में समर्पित है। जिसके खिलाफ और स्वच्छता कमांडो को हक दिलाने के लिए छग प्रदेश अध्यक्ष मयूर हथेल द्वारा लड़ाई लड़कर उक्त परिवार को स्वच्छकार समाज के सेवक के रूप में अपनी भूमिका निभाते हुए न्यायोचित कार्यवाही के लिए अग्रसर है। शासन से चारों स्वच्छता कमांडो को न्याय दिलाने हरसंभव प्रयास करेगा। ज्ञात हो कि विगत 10 वर्षो से मेला में कार्यरत एवं 2 वर्षो से स्वच्छता कमांडो के रूप में कार्यरत 4 महिलाओं भेमेन बाई, जानकीबाई, बैसाखी बाई एवं जानकी बाई को नगरपालिका द्वारा कार्य से निकाल दिया गया जो गलत है। जबकि सभी महिलाएं इस महामारी में अपनी जान जोखिम मे डालकर अपनी सेवाएं दे रही है। जहां इन्हे बिना कारण कार्य से निकाला गया जिससे इनके सामने रोजीरोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। जबकि वर्तमान में सरकार का आदेश है कि कोरोना महामारी के दौरान किसी को उसके कार्य से नहीं निकाला जाए। महादलित संघ द्वारा आज इस संबंध में कलेक्टर, एसडीएम एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी को ज्ञापन सौंप कर उक्त चारों महिलाओं को काम पर रखने की मांग की गई है।

भाजपा का किसान विरोधी चेहरा उजागर
डोंगरगढ़. ब्लाक शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष संजीव गोमास्ता ने कहा कि लोकसभा चुनाव में किसानों की आय दोगुनी करने का वादा करने वाली मोदी सरकार द्वारा धान के समर्थन मूल्य में मात्र 53 रूपए वृ़िद्ध किया गया है। जहां केंद्र की कथनी और करनी में अंतर साफ दिखाई देता है। भाजपा द्वारा स्वामी नाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की बात हमेशा की जाती है पर लागू करने का साहस केंद्र सरकार में नहीं है। जहां किसानों के हितों को ध्यान में रखने वाले छग सरकार ने यह साहस जरूर दिखाया है तथा प्रदेश मे ं किसानों को 25 सौ रू प्रति क्विंटल धान की कीमत देने के छग सरकार के निर्णय को केंद्र सरकार द्वारा रोकने का बहुत प्रयास किया गया किंतु छग सरकार ने राजीव गांधी न्याय योजना के माध्यम से किसानों से किए वादो को पूरा कर रहा है।