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ठेकादार और अधिकारियों की मिलीभगत उजागर, धीरी नल जल योजना के लिए नहीं बनाया गया एनीकट …

धीरी नल जल प्रदाय योजना में जांच कमेटी ने माना हुआ है भ्रष्टाचार

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Anicat not made for Dhari Nali Jal Yojana, exposed the collusion of contractors and officials…

ठेकादार और अधिकारियों की मिलीभगत उजागर, धीरी नल जल योजना के लिए नहीं बनाया गया एनीकट ...

राजनांदगांव. सोमनी क्षेत्र के धीरी स्थित शिवनाथ नदी में धीरी नल जल योजना का स्थल चयन किया गया था, लेकिन ठेकेदार और अधिकारियों ने अपने लाभ के लिए ईरा गांव में जल सप्लाई केंन्द्र बनाया, जिस जगह पर पानी स्टोरेज के लिए एनीकट नहीं बनाया गया है। ब्रिटिश काल के समय से बनी है ईरा गांव एनीकट जहां पर गर्मी के दिनों में एक बूंद पानी नहीं रहता है।

पुराने जमाने के एनीकट है, जिसके कारण क्षेत्र के 24 गांव को पानी पर्याप्त नहीं मिल पाता है। मिली जानकारी अनुसार मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला पंचायत साधारण सभा के बैठक में धीरी नल जल योजना की जांच के लिए समिति का गठित की गई है। जिला पंचायत के साधारण सभा की बैठक में निर्णय लिया गया कि धीरी नल जल योजना की जांच समिति गठित की जाए, उक्त निर्णय के लिए पद अधिकारियों की जांच समिति गठित की गई, जिसमें राजनांदगांव जिला पंचायत अध्यक्ष गीता घासी साहू, जिला पंचायत सभापति अशोक देवांगन, जिला पंचायत सदस्य अंगेश्वर देशमुख, जिला पंचायत सदस्य अरुण यादव, कार्यपालन अभियंता प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा राजनांदगांव, कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग शामिल है। उपरोक्त नल जल योजना की जांच के लिए टीम धीरी एनीकट और ईरा गांव पहुंची, जहां पर शिवनाथ नदी पर 24 गांवों में पानी सप्लाई के लिए संयंत्र लगाया गया है।

जांच कमेटी ने माना कि स्थल निरीक्षण में हुई है गड़बड़ी

जांच कमेटी ने माना कि स्थल निरीक्षण में गड़बड़ी की गई है। धीरी नल जल प्रदाय योजना लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान विधायक डॉ. रमन सिंह के क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम धीरी नल जल योजना के लिए शासन द्वारा लगभग 29 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृति की गई थी, ताकि क्षेत्र के 24 गांव को घर-घर पानी मिल सके, लेकिन सरकार के मंशा के अनुरूप लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने कार्य पर भ्रष्टाचार की लीपापोती करके लोगों को पीने की पानी नसीब नहीं होती है। गर्मी के दिनों में नदी सूख जाती है।

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी योजना

मिली जानकारी के अनुसार मुख्य अभियंता द्वारा एनीकट निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं मानते इसे कलेक्टर के ध्यान में लाते हुए इंटक के निकट के पास इंटरवेल निर्माण के लिए कहा गया, लेकिन ठेकादार को लाभ देने के लिए पांडे ने गलत जगह का चयन कर धीरी नल जल प्रदाय योजना को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। घर-घर नल जल योजना को पूरी तरह से फ्लाप कर दिया गया।


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