अपनी अनोखी प्रतिभा के संबंध में अंकित शाक्या ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड को उनके ई- मेल एड्रेस पर अवगत कराया। जानकारी मिलने के बाद अधिकृत टीम द्वारा पूरी तसल्ली करने के उपरांत उक्त उपलब्धि से संबंधित प्रशस्ति पत्र, चीफ एडिटर डॉ. बिश्व रूप रॉय चौधरी के हस्ताक्षर मय एवं गोल्ड मेडल, ब्रोच तथा अब तक के बने रिकाड्र्स से सु-सज्जित प्रकाशन के रूप में एक बुक प्रदान कर सम्मानित किया।
बिना गेयर वाली साइकिल से बनाया रिकॉर्ड
अंकित ने बताया कि मन में इच्छा जागृत हुई कि क्यों न कोरोनाकाल में खाली समय का सदुपयोग किसी सृजन के रुप में किया जाए। उन्होंने ठान लिया कि वे सामान्य साइकिल के माध्यम से रिकॉर्ड समय मे अधिक से अधिक दूरी तय कर एक कीर्तिमान बनाने का प्रयास करेंगे। 26 जनवरी 2021 की शाम उन्होंने अपने मिशन को फतह करने 5.46 बजे स्थानीय अनुपम नगर से साइकिल चलाना शुरू किया। उन्होंने अपने सायकल चालन को रामकृष्ण नगर होते हुए सृष्टि कॉलोनी, बसंतपुर से लखोली रोड, कैलाश नगर, टाका पारा होते हुए चिखली एवम ओवरब्रिज से पेट्रोल पंप खैरागढ़ रोड होते हुए वापस अनुपम नगर में रात 8. 29 पर समाप्त किया।
अंकित ने बताया कि मन में इच्छा जागृत हुई कि क्यों न कोरोनाकाल में खाली समय का सदुपयोग किसी सृजन के रुप में किया जाए। उन्होंने ठान लिया कि वे सामान्य साइकिल के माध्यम से रिकॉर्ड समय मे अधिक से अधिक दूरी तय कर एक कीर्तिमान बनाने का प्रयास करेंगे। 26 जनवरी 2021 की शाम उन्होंने अपने मिशन को फतह करने 5.46 बजे स्थानीय अनुपम नगर से साइकिल चलाना शुरू किया। उन्होंने अपने सायकल चालन को रामकृष्ण नगर होते हुए सृष्टि कॉलोनी, बसंतपुर से लखोली रोड, कैलाश नगर, टाका पारा होते हुए चिखली एवम ओवरब्रिज से पेट्रोल पंप खैरागढ़ रोड होते हुए वापस अनुपम नगर में रात 8. 29 पर समाप्त किया।
Read more: हैलो...मैं डॉ. रूद्र आपकी क्या मदद कर सकता हूं, कुछ इसी अंदाज में हर कोविड मरीज के दिल का हाल सुनते हैं डॉक्टर .... जीपीएस से मापा दूरी
बिना गेयर वाली साइकिल से तय की गई दूरी का मापन उन्होंने मोबाइल में जीपीएस सिस्टम (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) द्वारा पूरा किया। जिसके बाद इन सभी जानकारी को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड को भेजा। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम लिखाने वाला अंकित फिलहाल अमेठी यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ साइंस इन इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी की पढ़ाई कर रहा है।
बिना गेयर वाली साइकिल से तय की गई दूरी का मापन उन्होंने मोबाइल में जीपीएस सिस्टम (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) द्वारा पूरा किया। जिसके बाद इन सभी जानकारी को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड को भेजा। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम लिखाने वाला अंकित फिलहाल अमेठी यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ साइंस इन इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी की पढ़ाई कर रहा है।