
शहर के जागरूक युवाओं ने घायल मवेशियों के इलाज का उठाया बीड़ा
राजनांदगांव। CG News : शहर में एक बार फिर घुमंतु मवेशियों की संख्या बढ़ गई है। शहर के चौक-चौराहों से लेकर आउटर की सडक़ों में बैठ रहे मवेशी हर तीसरे दिन सडक़ दुर्घटना में घायल हो रहे हैं। मवेशियों की वजह से दो पहिया चालकों के भी गिरकर घायल होने की खबर है। चुनाव कार्यक्रम के चलते अधिकारी-कर्मचारी व्यस्त हो गए हैं। इस वजह से घुमंतु मवेशियों को पकडऩे का अभियान फिलहाल ठंडे बस्ते में है।
वहीं संस्कारधानी में कुछ युवाओं ने घायल पशुओं को मदद पहुंचाने और उनकी सेवा करने के लिए गौ करुणा सेवा समिति का गठन किया है। इस समिति द्वारा शहर में कहीं पर भी घायल हुए पशुओं को तत्काल मदद पहुंचाई जा रही है। घायल मवेशियों को त्वरित प्राथमिक उपचार देकर उनकी जान भी बचा रहे हैं। समिति के प्रमुख जैनम बैद बताते हैं कि पशुओं के प्राथमिक उपचार में डॉक्टरी और दवा खर्च भी समिति के सदस्य उठाते हैं। कुछ दानदाता, समाजसेवी और पशु प्रेमी समिति में कुछ राशि डोनेट कर देते हैं, जिससे उनकी मदद हो जाती है।
शहर के कई चौक-चौराहे ऐसे हैं, जहां शाम होते ही मवेशियों का जमावड़ा देखने को मिल जाता है। वहीं बाइपास के फ्लाईओवर से लेकर आउटर हाइवे में घुमंतु मवेशियों का जमघट रहता है। ये मवेशी आए दिन बड़े वाहनों की चपेट में आकर घायल हो रहे हैं। घायल मवेशियों की मौतें भी हो रही है।
शहर से लेकर गांवों में पशु पालकों में गाय पालने को लेकर रूचि कम हो रही है। यही कारण है कि गांवों में भी गाय-भैसों की संख्या तेजी से घट रही है। गांवों में घुमंतु पशु फसल को नुकसान पहुंचाते हैं, इस वजह से वहां से पशुओं को शहर के आसपास लाकर छोड़ दिया जाता है। देखने में भी आया है कि आसपास दूसरे जिलों से भी पशुपालक रात में मवेशियों को मालवाहकों में लाकर छोडक़र चले जाते हैं।
इस वजह से भी शहर में घुमंतु मवेशियों की संख्या बढ़ गई है।राजनांदगांव. शहर में एक बार फिर घुमंतु मवेशियों की संख्या बढ़ गई है। शहर के चौक-चौराहों से लेकर आउटर की सडक़ों में बैठ रहे मवेशी हर तीसरे दिन सडक़ दुर्घटना में घायल हो रहे हैं। मवेशियों की वजह से दो पहिया चालकों के भी गिरकर घायल होने की खबर है। चुनाव कार्यक्रम के चलते अधिकारी-कर्मचारी व्यस्त हो गए हैं। इस वजह से घुमंतु मवेशियों को पकडऩे का अभियान फिलहाल ठंडे बस्ते में है।
वहीं संस्कारधानी में कुछ युवाओं ने घायल पशुओं को मदद पहुंचाने और उनकी सेवा करने के लिए गौ करुणा सेवा समिति का गठन किया है। इस समिति द्वारा शहर में कहीं पर भी घायल हुए पशुओं को तत्काल मदद पहुंचाई जा रही है। घायल मवेशियों को त्वरित प्राथमिक उपचार देकर उनकी जान भी बचा रहे हैं। समिति के प्रमुख जैनम बैद बताते हैं कि पशुओं के प्राथमिक उपचार में डॉक्टरी और दवा खर्च भी समिति के सदस्य उठाते हैं। कुछ दानदाता, समाजसेवी और पशु प्रेमी समिति में कुछ राशि डोनेट कर देते हैं, जिससे उनकी मदद हो जाती है।
शहर के कई चौक-चौराहे ऐसे हैं, जहां शाम होते ही मवेशियों का जमावड़ा देखने को मिल जाता है। वहीं बाइपास के फ्लाईओवर से लेकर आउटर हाइवे में घुमंतु मवेशियों का जमघट रहता है। ये मवेशी आए दिन बड़े वाहनों की चपेट में आकर घायल हो रहे हैं। घायल मवेशियों की मौतें भी हो रही है।
शहर से लेकर गांवों में पशु पालकों में गाय पालने को लेकर रूचि कम हो रही है। यही कारण है कि गांवों में भी गाय-भैसों की संख्या तेजी से घट रही है। गांवों में घुमंतु पशु फसल को नुकसान पहुंचाते हैं, इस वजह से वहां से पशुओं को शहर के आसपास लाकर छोड़ दिया जाता है। देखने में भी आया है कि आसपास दूसरे जिलों से भी पशुपालक रात में मवेशियों को मालवाहकों में लाकर छोडक़र चले जाते हैं। इस वजह से भी शहर में घुमंतु मवेशियों की संख्या बढ़ गई है।
Published on:
20 Oct 2023 10:44 am
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