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बैराज के गेट टूटने की EE और SDO पर गिरी गाज, निलंबन से जल संसाधन विभाग में मचा हड़कंप

राज्य शासन ने जल संसाधन विभाग के ईई रहे ए ग्राहम और वर्तमान में पदस्थ एसडीओ युगल किशोर शर्मा को निलंबित करने का आदेश शुक्रवार को जारी कर दिया। (Department of Water Resources CG)

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बैराज के गेट टूटने की EE और SDO पर गिरी गाज, निलंबन से जल संसाधन विभाग में मचा हड़कंप

बैराज के गेट टूटने की EE और SDO पर गिरी गाज, निलंबन से जल संसाधन विभाग में मचा हड़कंप

राजनांदगांव /खैरागढ़. सितंबर माह के पहले सप्ताह में हुई जोरदार बारिश के बाद ब्लाक के प्रधानपाठ बैराज के गेट टूटने के मामले में आखिरकार राज्य शासन ने जल संसाधन विभाग के ईई रहे ए ग्राहम और वर्तमान में पदस्थ एसडीओ युगल किशोर शर्मा को निलंबित करने का आदेश शुक्रवार को जारी कर दिया। निलंबन की कार्रवाई से अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति है। 7 सितंबर को शाम तेज बारिश के बाद प्रधानपाठ बैराज लबालब हो गया था था। जल संसाधन विभाग द्वारा इसके गेट खोलने के दौरान दो गेट पानी का बहाव सह नहीं पाया और टूट गया था। जिसके बाद खैरागढ़ इलाके के नदी किनारे बसे गांवों सहित शहर में बाढ़ का अलर्ट जारी करते प्रशासन को रात भर मशक्कत करनी पड़ी थी।

नहीं की गई थी जांच
मामले में जलसंसाधन विभाग के सचिव अविनाश चंपावत सहित अन्य अधिकारी बैराज पहुंच घटना की जांच की थी। जांच में गड़बड़ी सामने आने के बाद राज्य शासन ने शुक्रवार को तत्कालीन ईई ए ग्राहम और एसडीओ युगल किशोर शर्मा को निलंबित करने के आदेश जारी किए गए हैे। एसडीओ शर्मा फिलहाल इसी पद में खैरागढ़ में पदस्थ है जबकि ईई रहे ए ग्राहम वर्तमान में नारायणपुर जिले में जलसंसाधन विभाग के ईई है। लगभग 33 करोड़ की लागत से बने प्रधानपाठ बैराज में निर्माण शुरूआत में ही विभागीय लापरवाही सामने आती रही, लेकिन इस दौरान किसी प्रकार की जांच नहीं की गई थी।

गेट टूटने के बाद शुरू की गई जांच में अधिकारियों की लापरवाही सामने आई। जिसमें लगभग 15 से अधिक विभागीय अधिकारियों के साथ सिंचाई विभाग के उपअभियंता, विभाग के ड्राइंग डिजाइन, विभाग मशीनरी विभाग की भी लापरवाही उजागर हुई है, लेकिन गेट टूटनें के मामले में शासन स्तर पर बैठे अधिकारियों ने सिर्फ दो अधिकारियों को निलंबित कर पूरा ठिकरा उनके उपर फोड़ कर बाकी को सीधे तौर पर बरी कर दिया। गेट टूटने के मामले में विभाग के इसका कार्य देख रहे विभाग के उपअभियंता केके वर्मा पर भी कार्यवाही होनी थी। इसके अलावा टाइमकीपर के साथ अन्य अधिकारियों के जिम्मे और स्पाट में खड़े होकर निर्माण कार्यो के देखरेख की जिम्मेदारी थी इनको छोड़ दिया गया है।

अन्य अधिकारी भी इस दौरान थे पदस्थ
गेट की खरीदी निर्माण शुरू होने के दो साल पहले सन 2013-14 में मशीनरी विभाग द्वारा कर ली गई थी। जबकि इसका निर्माण दो साल बाद 2016 में शुरू हुआ। उस दौरान मशीनरी विभाग चेलक के जिम्मे रहा। इस पर विभाग ने चुप्पी साधे रखी। मशीनरी विभाग की लापरवाही पर भी विभाग खामोश बैठा रहा। बैराज के गेट की ड्राइंग डिजाइन पर भी शुरू में ही सवाल उठे थे, लेकिन विभाग की लाइट मशीनरी विभाग द्वारा इस पर ध्यान नही दिया गया। प्रधानपाठ बैराज का निर्माण शुरू होने के दौरान से अब तक तीन एसडीओ और तीन ईई बदल चुके हैं। निर्माण के दौरान एसडीओ एके गावंडे पदस्थ रहे। फिर युगलकिशोर शर्मा पदस्थ रहे। पिछले तीन साल से एसएन शर्मा एसडीओ रहे। इस दौरान ईई पद में जार्ज ए ग्राहम सहित अन्य भी पदस्थ रहे, लेकिेन बैराज के गेट टूटने का ठीकरा दो अधिकारियों के सर फोड़ कर इस मामले की इति श्री कर ली गई है।

प्रधानपाठ बैराज गेट टूटने के मामलें में ईई और एसडीओ पर ही कार्रवाई के बाद क्षेत्र में विरोध के सुर उठने लगे हैं। लक्षणा सहित इलाके के सिवनी, बैगाटोला क्षेत्र में भी बैराज के पानी से कई बार किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है। तहसील गोड़ समाज के अध्यक्ष संतराम छेदैया ने पूर मामले में तत्कालीन अधिकारियों कर्मचारियों की संलिप्तता और बैराज के देखरेख में शामिल रहे अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। इसमें निर्माण के दौरान शामिल रहे सभी अनुविभागीय अधिकारी, संबंधित उपअभियंता, मशीनरी विभाग सहित ड्राइंगं डिजाइन विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। एसडीओ जलसंसाधन विभाग, खैरागढ़ युगलकिशोर शर्मा ने बताया कि तत्कालीन ईई ए ग्राहम और मेरे निलंबन की कार्रवाई शासन स्तर से होने की जानकारी है फिलहाल मुझे नहीं है। इसका आदेश नही मिला है। आदेश मिलनें के बाद ही कुछ कह पाएंगे।