
धान खरीदी ( Photo - Patrika )
CG Dhan Kharidi: धान बेचने और किसान सम्मान निधि पाने के लिए किसानों से मांगे जा रहे ‘डिजीटल डाक्यूमेंट’ से दिक्कत बढ़ गई है। बता दें कि एग्रीस्टेक पोर्टल में अब तक 9380 किसानों का पंजीयन नहीं हो पाया है, जबकि अंतिम तिथि 31 अक्टूबर तय है। इसमें में पंजीयन नहीं होने पर किसान खरीफ सीजन में बोए धान को समर्थन मूल्य में नहीं बेच पाएंगे। इसके साथ ही उन्हें सम्मान निधि से भी वंचित होना पड़ सकता है। ( CG News ) डिजिटल क्रॉप सर्विस (डीसीएस) सॉफ्टवेयर और भुइयां एप के डाटा में अंतर के कारण यह अड़चन बनी हुई है। समय रहते समाधान नहीं होने पर ये किसान अपनी जमीन पर धान नहीं बेच पाएंगे और साथ ही किसान सम्मान निधि से भी वंचित हो जाएंगे।
जानकारी अनुसार जिले में कुल एक लाख 23 हजार पंजीकृत किसान हैं। इनमें से नौ हजार से अधिक किसानों के रजिस्ट्रेशन में समस्या आ रही है। कृषि विभाग के अनुसार पिछले वर्ष का गिरदावरी डाटा डीसीएस से लिया गया था, जो भुइयां सॉफ्टवेयर से लिंक नहीं हो पाया। इसके अलावा वनाधिकार पट्टा भूमि, खाता विभाजन, 2024 के बाद खरीदी गई भूमि, उम्रदराज किसानों और आधार से मोबाइल नंबर न जुड़े होने जैसी तकनीकी वजहों से भी अड़चनें बनी हैं। पोर्टल का सर्वर डाउन रहने से किसान चक्कर काट रहे हैं।
बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान ‘मोन्था’ के असर से जिले में लगातार बदली और बूंदाबांदी का दौर जारी है। हल्की बारिश और तेज हवाओं ने पककर तैयार धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है। खेतों में पानी भरने से कटाई का कार्य प्रभावित हुआ है और लागत भी बढ़ गई है। दलहन-तिलहन फसलों को तो भारी नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 31 अक्टूबर तक यही स्थिति बनी रह सकती है। किसान अब फसल सर्वे और मुआवजा राशि की मांग कर रहे हैं, लेकिन कृषि विभाग के सर्वे कार्य में सुस्ती से असंतोष बढ़ रहा है।
जिला किसान संघ ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है और किसानों को राहत देने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि शासन ने तिथि नहीं बढ़ाई तो हजारों किसान न धान बेच पाएंगे, न सम्मान निधि पा सकेंगे। इस प्रक्रिया में सरलीकरण करते हुए पिछले साल धान बेचने वाले किसानों को पात्र करने की मांग रखी है।
Updated on:
30 Oct 2025 05:49 pm
Published on:
30 Oct 2025 05:47 pm
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