CG Illegal Plotting: अगर आप शहर में जमीन खरीदकर मकान बनाने की तैयारी में हैं तो थोड़ा सावधान हो जाइए। इस दिशा में सजगता से काम करिए, क्योंकि शहर में ऐसे कई कॉलोनाइजर हैं जो कि अवैध प्लॉटिंग करने के बाद बिना परमिशन सड़क, पक्की नाली, बिजली कनेक्शन के साथ बोर खनन कराकर सुविधाजनक कॉलोनी बताकर प्लॉट बेच रहे हैं। प्लॉट खरीदने से पहले यह जान लें कि यह कॉलोनी वैध है या अवैध।
दरअसल प्लॉटिंग के खेल में जमीन खरीदने वालों से धोखा ही धोखा हो रहा है। जमीन खरीदने के बाद लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। पत्रिका टीम ने अवैध प्लॉटिंग (CG Illegal Plotting) को लेकर चल रही अंधेरगर्दी को लेकर पड़ताल की तो खुलासा हुआ कि शहर में अवैध प्लॉटिंग करने वालों का रैकेट चल रहा है जो कि विशेषकर नौकरीपेशा वालों को झांसे में लेकर जमीन बेच रहे हैं। बैंक से फाइनेंस कराने तक की सुविधा दी जा रही है और प्लॉट बिक्री कर खरीददार को फंसा दे रहे हैं।
इधर अवैध कॉलोनी बसाए जाने की पुष्टि तब हुई जब बुधवार को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की टीम ने शहर सहित आसपास के क्षेत्र में हुई प्लॉटिंग का मुआयना किया। यहां देखा कि विभाग से परमिशन लिए बगैर ही अवैध निर्माण करा दिया गया है।
नगर निवेश विभाग की टीम ने लखोली के कंचनबाग क्षेत्र का मुआयना किया तो यहां लगभग 50 एकड़ में अवैध प्लॉटिंग की गई है। पार्रीकला गांव में 15 एकड़ रकबे में प्लॉटिंग देखकर अफसर हैरान रह गए। इसी तरह टीम ने सुंदरा में दबिश दी तो यहां पर 10 एकड़ में अवैध प्लॉटिंग (CG Illegal Plotting) का खेल देखा। वहीं हाइवे पर मनकी गांव में 5 एकड़ रकबे में अवैध प्लॉटिंग किया गया है।
नगर एवं निवेश विभाग के अधिकारी कमला सिंह का कहना है कि जिन जगहों पर दबिश दी गई, वहां अवैध प्लॉटिंग (CG Illegal Plotting) के साथ अवैध निर्माण पाया गया है। नोटिस जारी किया गया है। इसके बाद अवैध निर्माण को तोड़ा जाएगा। विभाग की टीम नियमित रूप से निरीक्षण करेगी।
रेरा का मतलब रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी है, जो घर खरीदारों की सुरक्षा और रियल एस्टेट निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के अनुसार अस्तित्व में आया। लंबे समय से बिल्डरों द्वारा कोई मानकीकृत प्रथा का पालन नहीं किया जा रहा था। धोखाधड़ी, हेरफेर (CG Illegal Plotting) और कदाचार में वृद्धि हुई। घर खरीदारों के हितों की रक्षा करने और लोगों को रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए रेरा बनाया गया।
अवैधप्लॉटिंग (CG Illegal Plotting) करने वाले इस कदर अंधेरगर्दी करने पर उतारू हो चले हैं कि सरकारी आदेश को भी मानने को तैयार नहीं हैं। हाल ही में नगर निगम की ओर से कृषि भूमि खसरा नंबर 398/1 में जूनीहटरी निवासी अहमद रजा द्वारा अवैध प्लॉटिंग कर विक्रय की तैयारी करने पर खरीदी-बिक्री प्रतिबंध का बोर्ड लगाया था।
यह बोर्ड दूसरे दिन उखाड़ फेंका गया। निगम के अफसर चिखली चौकी में एफआईआर के लिए आवेदन देने की बात कह रहे हैं पर अभी तक हुआ कुछ नहीं। इसी तरह रायपुर नाका के पास भी अवैध प्लॉटिंग की शिकायत के बाद बोर्ड लगाया गया था, जिसे हटा दिया गया। बर्फानी आश्रम के पीछे भी यही खेल हुआ।
यदि आप घर खरीदने की योजना बना रहे हैं तो आपको यह जांचना होगा कि संपत्ति के पास रेरा प्रमाणीकरण है या नहीं। अगर आप देखते हैं कि कोई प्रॉपर्टी रेरा (CG Illegal Plotting) अप्रूव्ड नहीं है तो उसे न खरीदें वरना कभी भी परेशानी का सामना करने के लिए तैयार रहें।
बिल्डर बहुत सारे अतिरिक्त शुल्क लेते थे जिसका कोई मतलब नहीं था और संपत्ति पर अधिकार पाने के लिए खरीदार को यह देना पड़ता था। अब रेरा सर्टिफिकेट की वजह से ऐसे चार्ज नहीं लिए जाते। खरीदारों को केवल कारपेट एरिया के लिए भुगतान करना होगा और किसी अन्य चीज के लिए नहीं।
अफसरों ने बताया कि इन जगहों पर बकायदा पक्की नाली, मुरूम वाला रोड, बिजली का कनेक्शन दिया गया है। इन रकबों में कुछ जगहों पर सीसी रोड भी बना दिए हैं। बाउंड्रीवॉल के साथ ही बोर का खनन भी किया गया है। बिजली के पोल भी गड़ा दिए गए हैं।
दरअसल जमीन खरीदने वालों को सुविधायुक्त कॉलोनी दिखाने के नाम पर अवैध रूप से निर्माण करा दिए गए हैं। प्लॉट खरीदने वाले यह सब विकास कार्य देखकर प्रभावित होते हैं और निवेश करने तैयार हो जाते हैं। शहर के आउटर में किए गए प्लॉटिंग भी यही खेल हुआ हैै।
Updated on:
24 May 2024 03:14 pm
Published on:
24 May 2024 01:03 pm