
Shiv Mahapuran Katha
Shiv Mahapuran Katha: छुरिया के हालेकोसा में आयोजित सात दिवसीय शिव महापुराण कथा का शुक्रवार को समापन हुआ है। अंतिम दिन कथा सुबह 9 से 11 बजे तक चला। व्यास पीठ से गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि भारत ही नहीं पूरे विश्व की भूमि में जहां खोदाई होगी, सनातन धर्म का ही स्तंभ निकलेगा। भगवान भोलेनाथ का ही अवशेष निकलेगा। जिसका है, उसी का तो प्रमाण मिलेगा।
यह पृथ्वी लोक शंकर का ही तो है। देवलोक, इंद्रलोक, स्वर्ग लोक, बैकुंठ धाम में जब तक आपका पुण्य है, तब तक रहोगे, फिर धक्का मारकर पृथ्वी लोक में ही भेज दिए जाओगे। क्योंकि एसी रूम का लाभ तक तक ले सकते हो जब तक उसका बिल भर सकते हो। इसलिए यहां कंकर (कण-कण) में शंकर बसा हुआ है। इसलिए कैलाश पर्वत पर भगवान भोले के चरणों में रहने की कामना करो। यहां से और कहीं नहीं धकेले जाओगे। यहां सारे वार और परिवार शिव के हैं।
उन्होंने कहा कि जो सास अपनी बहु और जो बहु अपनी सास के साथ रह रहे, वे किस्मत वाले हैं। ऐसे ही अपने बच्चों को संस्कारवान बनाओ, इससे ही आने वाला समय श्रेष्ठ होगा और देश उन्नत होगा। बच्चों को सनातन धर्म का ज्ञान दो। मंदिर जाने की आदत डालो। भगवान को समय दोगे, तो बुरे समय वो आपका साथ देंगे। उनसे कहो मंदिर में आना मेरा काम है और मेरी बिगड़ी बनाना तेरा काम है। भगवान भोलेनाथ को सहपरिवार अपने घर में आमंत्रित करो, उन्हें पीले चावल से आमंत्रण दें।
जिस तरह ठंड से अपने शरीर को बचाने के कंबल का उपयोग करते हैं, उसी प्रकार घमंड से बचने के लिए भगवान भोलेनाथ की भक्ति का उपयोग करो। ठंड की तरह ही घमंड भी किसी भी चीज के माध्यम से प्रवेश कर जाता है। घमंड व्यक्ति को बर्बाद कर देता है। उन्होंने कहा कि कथा श्रवण के लिए इतनी ठंड में पूरी रात पंडाल में बिता रहे हो, तो यह भी अखंड तप है। उन्होंने कहा कि भोजन त्यागने से बड़ा उपवास है किसी का दिल न दुखाएं।
गऊ, गुरु व गोविंद के सामने अपना पांव मोड़कर और हाथ जोड़कर बैठो। मन को मोड़कर ही भगवान के पास बैठना है। परमात्मा की ओर अपने मन को मोड़ना है। गऊ, गुरु व गोविंद अर्थात भगवान के सामने पांव पसार कर नहीं बैठना है।
Published on:
11 Jan 2025 01:54 pm
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