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Cyclone Michaung : दलहन-तिलहन और सब्जी की फसल को भारी नुकसान, किसानों ने लगाई मदद की गुहार

CG Weather Update : मिचौंग तुफान के कारण हुई बारिश से रबी फसलों के अलावा उद्यानिकी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। टमाटर और मटर के पौधे टूटकर गिर गए हैं

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Chhattisgarh Weather Update : मिचौंग तूफान के असर से जिले में पिछले चार दिनों तक बैमौसम बारिश हुई थी। लगातार बारिश की वजह से रबी की फसले व सब्जियों को काफी नुकसान पहुंचा है। बारिश की वजह से दलहन-तिलहन व सब्जियों के फसले खराब हो गई है। मिचौंग तुफान के कारण हुई बारिश से रबी फसलों के अलावा उद्यानिकी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। टमाटर और मटर के पौधे टूटकर गिर गए हैं। प्रति हेक्टेयर 30 फीसदी नुकसान का अनुमान है। कृषि व उद्यानिकी विभाग द्वारा सर्वे कर नुकसान का आकंलन किया जा रहा है।

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कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस साल 64 हजार 600 हेक्टेयर में दलहन तिलहन की बोनी का लक्ष्य है। जिसमें अब तक 50 हजार 386 हेक्टर में बोनी हो चुकी है। 6 हजार हेक्टेयर में सब्जी का उत्पादन किया जा रहा है। बेमौसम बारिश से सबसे अधिक नुकसान सब्जियों व दलहन तिलहन के फसलों को हुई है।

दलहन तिलहन के पौधों के सड़ने की आशंका

जिले में बारिश से चना, तिवरा और अरहर की फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान होने की आशंका है। इसके अलावा रबी की बुवाई पर भी असर पड़ा है। अगर यही स्थिति रही तो जिले में बुआई में देरी होगी।

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गेहूं की फसल के लिए यह बारिश फायदेमंद साबित होगी। कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में करीब 30 हजार हेक्टेयर में चना बोया जा रहा है।

वहीं मटर 200 हेक्टेयर, मसूर 3630 हेक्टेयर,मूंग 30 हेक्टेयर, उड़द 350 हेक्टेयर, तिवड़ा 31390 हेक्टेयर, सरसो 350 हेक्टेयरतिल 10 हेक्टेयर,गेंहू 30440 हेक्टेयर में बोया गया है। बेमौसम बारिश से इन फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है।


टमाटर व हरी सब्जियों को अधिक नुकसान
उद्यानिकी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में करीब 6 हजार हेक्टेयर में सब्जी व फलों की खेती हो रही है। बेमौसम बारिश से टमाटर, पत्ते वाली सब्जियां पालक, धनिया, चौलाई भाजी, लालभाजी मिर्च, बैगन, फलो ंमें केला व पपीता को काफी नुकसान पहुंचा है। बताया जा रहा है कि फल लगे केला व पपीता के पेड़ गिर गए हैं। वहीं सबसे अधिक नुकसान टमाटर को हुई है।

खरीफ फसल के सैंकड़ों एकड़ धान का कटाई नहीं हुई है। बारिश से खेत में पड़े धान को नुकसान होने की संभावना है। वहीं बारिश की वजह से खेतों में पानी भर गया है। जमीन गीला होने से कटाई भी प्रभावित हो गई है। मौसम खुल गया है। इसके बाद जमीन को सूखने में सप्ताह भर से अधिक समय लगेगा। ऐसे में किसानों को धान की कटाई के लिए इंतजार करना पड़ेगा। धान की कटाई अब आधुनिक मशीन हार्वेस्टर से हो रही है। ऐसे में गीले जमीन में मशीन चलना संभव नहीं है।

बारिश के कारण फसलों पर प्रतिकूल असर पड़ा है। किसानों को फसल बचाने के लिए उपाय व सुरक्षा की जानकारी दी जा रही है। विभाग द्वारा बारिश से हुए नुकसान को लेकर सर्वे शुरु किया जाएगा।

एनएल पांडेय, उपसंचालक कृषि राजनांदगांव