
नियमों की आड़ में ऐसे हो रही अवैध वसूली
राजनांदगांव। CG Traffic : शहर के प्रमुख चौक-चौराहों से लेकर अंदरुनी भाग में ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल है। चौक-चौराहों से ट्रैफिक जवान नदारद हैं। जबकि आऊटर में जांच के नाम पर लगातार चालानी कार्रवाई और अवैध वसूली की शिकायत है। शहर के आउटर में प्वाइंट लगाकर रोजाना वाहनों की जांच की जा रही है। जांच के दौरान कई तरह के नियमों का हवाला देकर मालवाहकों पर अनाप-शनाप चालानी कार्रवाई कर रहे हैं। सौ से अधिक बिंदुओं पर नियमों में उलझाकर वाहनों पर किसी तरह से चालानी कर रहे हैं। कई वाहन चालकों को बिना रसीद दिए ही राशि वसूल रहे हैं। शहर में प्रवेश के पहले एंट्री फीस ली जा रही है।
इस तरह की लगातार शिकायत मिलने के बाद ‘पत्रिका’ टीम ने शहर के आसपास मुख्य मार्गों में यातायात विभाग द्वारा लगाए गए चेकिंग प्वाइंट पर पहुंची। वहां भारी वाहनों को रोका जा रहा था, कागजात पूरा होने के बाद कई तरह के यातायात नियमों को बताकर चालानी कार्रवाई की जा रही थी। मीडिया की टीम को देखते ही वाहन चालकों को रसीद भी देते दिखे। कुछ भारी वाहन चालकों ने बताया कि वे बाहरी राज्य की गाड़ी चला रहे हैं। इसलिए उनसे एंट्री फीस ली गई।
चालकों ने बताया कि गतंव्य तक पहुंचते-पहुंचते टोल टैक्स, बेरियर के अलावा चार-पांच जगहों पर यातायात पुलिस द्वारा चालानी कार्रवाई कर दी जाती है। वाहन चालकों ने बताया कि इसका किसी तरह विरोध भी नहीं किया जा सकता, नियम ही ऐसे बना रखे हैं, जिस पर कोई वाहन चालक खरा नहीं उतर सकता। कुल मिलाकर वाहन चलाने वालों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।
अवैध है एंट्री फीस
शहर में प्रवेश करने वाले हैवी वाहन, मालवाहक सहित अन्य वाहन चालकों से एंट्री फीस की वसूली अवैध है। इसे लेकर बीच में खनिज का परिवहन करने वाले वाहन चालकों ने शिकायत की थी और अवैध वसूली का आरोप लगाया था। ट्रांसपोर्टरों का कहना था कि हर माह एंट्री फीस के नाम पर परेशान किया जाता है।
मिला है टारगेट
यातायात विभाग द्वारा लगातार जांच व कार्रवाई की जाती है। राजस्व वसूली के लिए हर साल विभाग को लक्ष्य भी मिलता है। इसमें हर साल बढ़ोतरी भी होती है। ऐसे में चालानी कार्रवाई कर सरकारी खजाने में राजस्व जमा करने की विभाग की मजबूरी भी होती है। यही कारण है कि इतने तरह के नियम व कायदे बनाए गए हैं, कि कोई भी वाहन चालक इससे बचकर नहीं जा सकता।
अवैध वसूली की भी शिकायत
शहर के कुछ ट्रांसपोर्टरों व छोटे मालवाहक चालकों ने बताया कि आउटर में लगे ट्रैफिक जवानों ने यदि गाड़ी रोक ली तो पूरा कागजात होने के बाद भी उन्हें चंदा देना ही पड़ता है। बहस करने पर 200 से लेकर 10 हजार तक फाइन लगाने संबंधित नियम बताकर वसूली कर लेते हैं। वर्तमान में लगातार आउटर में जांच के नाम से मालवाहक और ऑटो चालक उन मार्गों में सामान छोडऩे जाने से कतराते हैं। कहते हैं कि जितना भाड़ा कमाएंगे, उससे ज्यादा तो यातायात पुलिस को देना पड़ जाएगा।
नक्सल प्रभावित जिला है। जांच-पड़ताल रूटीन में हो रही है। नियमों का पालन नहीं करने पर चालानी कार्रवाई की जाती है। यह रोज हो रहा, पर किसी ने अवैध वसूली की शिकायत नहीं की है। यदि ऐसी को शिकायत मिलती है, तो कार्रवाई की जाएगी।
- हेमप्रकाश नायक, डीएसपी एवं यातायात प्रभारी
Published on:
19 Nov 2023 12:25 pm
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