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पूर्व मंत्री राजिंदर पाल भाटिया ने की खुदकुशी, पोस्ट कोविड समस्या से जूझ रहे थे भाजपा नेता

- सूचना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच मर्ग कायम किया है। बताया जा रहा है कि पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला है।

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राजनांदगांव. पूर्व मंत्री और भाजपा के टिकट पर छुरिया से तीन बार के विधायक राजिंदर पाल सिंह भाटिया (72) ने रविवार तकरीबन 6.30 बजे अपने निवास स्थान में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। बताया जा रहा है कि वे कुछ दिनों से पोस्ट कोविड की समस्या से जूझ रहे थे।

सूचना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच मर्ग कायम किया है। बताया जा रहा है कि पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला है। हालांकि पुलिस ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। समाचार लिखे जाने तक शव को उतारा नहीं किया गया था। कमरे को सील कर पुलिस फॉरेसिंक टीम का इंतजार कर रही थी। भाटिया भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में माने जाते हैं। ऐसे में छुरिया क्षेत्र व भाजपा संगठन के लिए यह बड़ी क्षति है।

कोविड होने के बाद से थे बीमार
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार भाटिया कोरोना पॉजीटिव हुए थे। इसके बाद वे पोस्ट कोविड की समस्या से जूझ रहे थे, इसके अलावा अन्य समस्याएं भी थीं, जिसका दिल्ली, रायपुर व अन्य जगहों पर इलाज चल रहा था। काफी समय से वे स्वास्थ्य को लेकर परेशान थे। हालांकि 72 वर्ष की उम्र में भी वे बेहद फिट दिखते थे और स्वास्थ्य को लेकर जागरुक रहते थे। वे रायपुर में मेडिशाइन अस्पताल के डायरेक्टर भी हैं।

छुरिया में शोक की लहर
वह भाजपा शासन के समय कई बड़े पदों पर रह चुके हैं। भाटिया भाजपा शासन में परिवहन मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं। वे छुरिया से तीन बार विधायक भी रहे। भाटिया भाजपा से अलग होकर निर्दलीय चुनाव भी लड़ चुके हैं। मिलनसार व्यक्तित्व के धनी भाटिया के इस कदम से भाजपा व छुरिया में शोक की लहर है।

नहीं मिली थी टिकट
डॉ. रमन सिंह की पहली सरकार में परिवहन मंत्री थे। बाद में सीएसआईडीसी के चेयरमैन रहे। 2008 में भाजपा ने जब उन्हें टिकट नहीं दी, तो भाजपा छोड़ निर्दलीय चुनाव लड़े और दूसरे नंबर पर रहे, भाजपा तीसरे नंबर पर रही। 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह लोकसभा का चुनाव लड़े, तब इनकी भाजपा में वापसी हुई, पर 2018 के चुनाव में भी इन्हें टिकट नहीं मिली।