निर्माणाधीन तीसरी रेल लाईन में रेल्वे, राजस्व व किसानों के बीच नहीं बन पाई सहमति
अपनी मांगों पर अडिग रहे किसान

राजनांदगांव / डोंगरगढ़. रायपुर से नागपुर तक निर्माणाधीन तीसरी रेल लाईन का पैचवर्क जटकन्हार से डोंगरगढ से बीच आकर लटक गया है। जहां आज किसान व रेलवे के अधिकारी तथा राजस्व अधिकारियों के बीच जनपद कार्यालय के सभाकक्ष में बैठक रखी गई। जिसमें प्रभावित किसानों ने आज भी अपनी लंबित मांग पर अडे रहे। चार घंटे चली बैठक के बावजुद कोई निष्कर्ष नहीं निकला तथा पिछले वर्ष अवैध रूप से काटे गए किसानों के पेड़ों पर एसडीएम ने रेल्वे, वनविभाग के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए बिना सहमति से किसानों के 100 से अधिक पेड़ काटे गए जिसके रेल्वे के अधिकारी जिम्मेदार है। जबकि रेल्वे को कलक्टर से मात्र बबूल के 7 पेड़ काटने की अनुमति मिली थी।
वर्तमान में आए आदेश को किसानों ने मानने से किया इंकार
बैठक में रेल्वे के अधिकारी रेडडी, बुंदेला के साथ तहसीलदार, आरआई, पटवारी सहित प्रभावित किसान एवं रेल्वे किसान संघर्ष समिति के पदाधिकारी उपस्थित थे। जहां एसडीएम ने 11 नवंबर 2019 का दिल्ली से प्राप्त रेल मंत्रालय का पत्र किसानों को थमाया जिसमें संयुक्त निर्देश भूमि एवं सुविधाएं रेल्वे बोर्ड चंद्रशेखर तथा संयुक्त निर्देशक स्थापना एम रेल्वे बोर्ड एमएस राय का पत्र थमाकर किसानों को बरगलाने की कोशिश की कि यह आदेश वर्तमान में आया है। जिस पर किसानों ने संबंधित अधिकारी को बताया कि रेल्वे से नौकरी व मुआवजा की मांग पिछले एक वर्ष से ेचल रही है जबकि यह आदेश अभी पिछले माह का है। जिसे नहीं मानते हुए किसान आज भी अपनी मांगों पर अड़े रहे साथ ही मांग पूरी नहीं होने पर रेलवे को एक इंच जमीन भी नहीं देने पर किसान अडिग रहे।
किसानों में ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर रेल्वे संघर्ष समिति के अध्यक्ष नैनकुमार जनबंधु, नोहर वर्मा, नंदकुमार साहू, टीकमदास साहू, पुनमदास, योगेन्द्र, सहदेव, नकुलदास, महेंद्र, पन्नू वर्मा, घनश्याम , छगन पटेल, जैतराम वर्मा, तिलक वर्मा, अनिल वर्मा, राजेश वर्मा सहित बड़ी संख्या में प्रभावित किसान उपस्थित थे।
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