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CG News: सूचना पटल में दबने से बच्चे की मौत मामले में जांच पूरी, लेकिन रिपोर्ट दबाए बैठे अफसर

CG News: घटना से गुस्साए परिजनों व ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व सरपंच द्वारा निर्माण कार्य में भर्राशाही की गई। नतीजा मासूम को जान से हाथ धोना पड़ा।

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CG News: सूचना पटल में दबने से बच्चे की मौत मामले में जांच पूरी, लेकिन रिपोर्ट दबाए बैठे अफसर

सूचना पटल में दबने से बच्चे की मौत मामले में जांच पूरी (Photo Patrika)

CG News: ग्राम पंचायत चिरचारी में पांच वर्षीय मासूम की सूचना पटल गिरने से मौत हो गई थी। जिसकी जांच के लिए कलेक्टर ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। यह मामला ठण्डे बस्ते में चला गया है। जांच के बाद सचिव पर निलंबन की गाज तो गिरी लेकिन निर्माण करने वाले पूर्व सरपंच के खिलाफ अब तक आरोेप तय नहीं हो पाया है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है। छुरिया विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत सड़क चिरचारी में सूचना पटल के गिरने से बालक युवांशी निषाद की मौत हो गई थी।

घटिया निर्माण की पोल खुल गई। घटना से गुस्साए परिजनों व ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व सरपंच द्वारा निर्माण कार्य में भर्राशाही की गई। नतीजा मासूम को जान से हाथ धोना पड़ा। घटना की खबर मिलने पर पूर्व विधायक छन्नी चंदू साहू ने इस मामले की जांच कर दोषियों पर कार्यवाही एवं पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे की मांग की है। इधर मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर मामले का जांच का जिम्मा सौंपा था।

जांच समिति टीम में अपर कलेक्टर सरस्वती बंजारे, लोक निर्माण विभाग के ईई एसके चौरसिया, उपसंचालक पंचायत देवेन्द्र कौशिक के साथ एसडीएम डोंगरगांव श्रीकांत कोर्राम एवं जनपद सीईओ होरीलाल साहू सड़क चिरचारी पहुंचे थे। जहां परिजनों एवं निर्माण कार्य में संलिप्त पूर्व सरपंच, सचिव, इंजीनियर को इस मामले में नोटिस थमाकर स्पष्टीकरण लिया। मामला बढ़ते देख जिला पंचायत सीईओ ने निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने पर सचिव मनसुख लाल साहू को निलंबित कर दिया। वहीं निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने वाले पूर्व सरपंच पर अब तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है।

तीन सदस्यीय टीम का हुआ है गठन

सड़क चिरचारी में सूचना पटल के गिरने से मासूम बालक की मौत के बाद प्रशासन सजग हुआ। जिला कलेक्टर ने तत्परता दिखाते हुए तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया और इनमें शामिल प्रशासनिक अफसरों को सात दिन के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन लगभग दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी नहीं गई है।