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अपहरण कांड का नाटकीय समापन: किडनैपर्स ने नाबालिग को मोबाइल देकर कहा- घर लौट जाओ

राजनांदगांव पुलिस ने सोमवार सुबह अपहृत नाबालिग बालक को नागपुर-राजनांदगांव के रास्ते पर एक बस से रेस्क्यू किया है। नागपुर से इस बस में सवार होने की सूचना खुद अपहृत बालक ने दी थी और उसे बात करने के लिए मोबाइल भी अपहरणकर्ताओं ने दिया था।

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अपहरण कांड का नाटकीय समापन: किडनैपर्स ने नाबालिग को मोबाइल देकर कहा- घर लौट जाओ

अपहरण कांड का नाटकीय समापन: किडनैपर्स ने नाबालिग को मोबाइल देकर कहा- घर लौट जाओ

राजनांदगांव. भिलाई के स्मृति नगर निवासी होटल व्यवसायी के अपहृत नाबालिग बच्चे को पुलिस ने नागपुर के पास से सकुशल बरामद कर लिया है। शनिवार रात बच्चे का उसके पिता के नेशनल हाइवे पर स्थित ढाबे से अपहरण कर लिया गया था। इस मामले में बच्चे को सकुशल बरामद जरूर कर लिया गया है लेकिन अपहरण और इसके बाद अपहरणकर्ताओं द्वारा नाटकीय तरीके से बच्चे को छोड़ दिए जाने ने पुलिस को उलझाकर रख दिया है।

राजनांदगांव पुलिस ने सोमवार सुबह अपहृत नाबालिग बालक को नागपुर-राजनांदगांव के रास्ते पर एक बस से रेस्क्यू किया है। नागपुर से इस बस में सवार होने की सूचना खुद अपहृत बालक ने दी थी और उसे बात करने के लिए मोबाइल भी अपहरणकर्ताओं ने दिया था। पता चल रहा है कि अपहरण की वजह बच्चे के पिता के साथ लेन-देन को लेकर पुराना विवाद था। अपहृत नाबालिग के मुताबिक उसे अपहर्ता पहले सागर ले गए थे फिर वहां छोड़ दिया और नागपुर जाने वाली बस में बिठा दिया।

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जल्द गिरफ्तारी का दावा

नाबालिग बालक के रेस्क्यू के बाद राजनांदगांव एसपी डी श्रवण ने मीडिया को बताया कि पुलिस ने बच्चे को राजनांदगांव लाने के बाद उससे पूछताछ कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस की जांच जारी है और जल्द ही अपहरणकर्ताओं की भी गिरफ्तारी कर ली जाएगी। हालांकि पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को लेकर फिलहाल कोई जानकारी साझा नहीं की है।

पिता से विवाद का मामला सामने आ रहा

अपहरण मामले में पता चला है कि बच्चे का अपहरण करने वालों का उसके पिता से पुराना लेन-देन का विवाद रहा है और रुपए नहीं मिलने पर उन्होंने घटना को अंजाम दिया था। हालांकि बच्चे ने अपहरणकर्ताओं को पहचानने से इनकार किया है लेकिन उसने रास्ते भर उनके व्यवहार और अपनी मां के साथ हुई बातचीत का जो ब्योरा दिया है, उसके अनुसार अपहरणकर्ताओं की उसके परिवार से पुरानी पहचान की बात निकलकर आ रही है।

रिपोर्ट करने पर धमकाया भी

सूत्रों से पता चला है कि बच्चे के अपहरण की पुलिस में रिपोर्ट करने पर अपहरणकर्ताओं ने उसकी मां से फोन पर बात करते हुए धमकाया भी है। एक अपहरणकर्ता ने बच्चे की मां को सीधे तौर पर कहा है कि आपको बेटे की चिंता करने की जरूरत नहीं, वो सकुशल लौट जाएगा, अब आपको अपने पति की चिंता करने की जरूरत है।

खाना नही खाया तो मां से कहलवाया

अपहरणकर्ताओं के चंगुल में रहने के दौरान अपहृत बालक उनके साथ होटल या ढाबे में खाना नहीं खा रहा था तो एक अपहरणकर्ता ने बच्चे की मां को फोन कर उससे बच्चे की बात करवाई और उससे कहलवाया कि वो खाना खा ले। उसे कुछ नहीं होगा।

सिगरेट से पेंट जल गया तो नया लोवर दिलवाया

राजनांदगांव के साइबर क्राइम के दफ्तर में सोमवार दोपहर मां और बेटे की पुलिस ने मुलाकात कराई। इस दौरान बेटे ने बताया कि कार में एक अपहरणकर्ता की सिगरेट से उसकी पेंट जल गई थी और उसने जली हुई पेंट नहीं पहनने की बात की तो उन्होंने उसे नया लोवर खरीदकर दिया। बेटे के गम में शनिवार से बेसुध हुई मां बेटे को सकुशल देखकर उसकी बात सुनकर मुस्कुराने लगी।

दूसरा अपहृत कौन, पता नहीं

पत्रिका से बातचीत के दौरान अपहृत नाबालिग बालक ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने रायपुर से एक और युवक का अपहरण किया था और उसकी मदद से उसे अगवा किया गया। हालांकि वह दूसरा युवक कौन था और कहां है, इस संबंध में पुलिस कोई जानकारी नहीं दे पा रही है।

अपहृत बालक को सकुशल बरामद कर लिया गया है। जल्द ही आरोपियों को भी पकड़ लिया जाएगा।

-डी श्रवण, एसपी राजनांदगांव

फाच्र्यूनर में बिठाकर महाराष्ट्र बॉर्डर की ओर ले गए

मैं ढाबा में था। इसी दौरान कुछ लोग आए और मुझसे बात करते हुए बाहर निकले। इसके बाद मुझे जबरन गाडी़ में बिठा लिया। वो सात लोग दो गाडी़ में थे। मुझे फाच्र्यूनर में बिठाया। वहां से राजनांदगांव होते हुए महाराष्ट्र बॉर्डर की ओर गए। वहां से शायद यूपी होते हुए मध्यप्रदेश के सागर चले गए। रास्ते में फाच्र्यूनर गाडी़ बिगड़ गई और तीन लोग उसी गाडी़ में वहीं रुक गए। मेरे साथ रायपुर के एक और व्यक्ति को किडनेप किया गया था, उसे और मुझे उन लोगों ने सागर से नागपुर जाने के लिए छोड़ दिया।

मैं अपना मोबाइल ढाबे में छोड़ आया था। किडनेपरों ने अपना एक मोबाइल मुझे दिया ताकि मैं अपने घर में संपर्क कर सकूं। मैंने घर में फोन किया और फिर राजनांदगांव पुलिस मुझे लेने आई और नागपुर-राजनांदगांव के रास्ते पर मुझे पुलिस मिली। किडनेपरों में ज्यादातर की उम्र 20 से 30 वर्ष की थी। एक करीब 45-50 साल का था। सभी को मैंने पहली बार देखा। उनकी बातचीत से लगा कि मेरे पिता से उनका किसी पुराने लेन-देन को लेकर विवाद था।

(छुडा़ए गए अपहृत बालक ने जैसा पत्रिका को बताया)

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