
Patrika Raksha Kavach Abhiyan: पुलिस ने साइबर क्राइम से बचाने के लिए स्कूल, कॉलेज सहित विभिन्न संस्थानों में जाकर लोगों को जागरूक किया। बावजूद शिक्षित लोग ऑनलाइन ठगी के शिकार हो रहे हैं। पत्रिका ने पड़ताल की तो खुलासा हुआ कि साइबर क्राइम की जाल में ज्यादातर पढ़े-लिखे लोग ही फंसे हैं। ठगों के झांसे में आकर करोड़ों रुपए गंवा चुके हैं।
साइबर ठगी करने वाले अपराधी डिजिटल अरेस्ट, शेयर मार्केट में रकम लगाकर अधिक मुनाफा का झांसा देकर, वाट्सएप में दोस्ती कर कस्टम से जेवरात छुड़ाने, मेट्रोप्ती मैसेज भेजकर, किप्टो करंसी के नाम पर, पोर्न वीडियो देखने का डर दिखाकर व अन्य तरीकों से लोगों को लाखों रुपए की धोखाधड़ी कर उनके जीवनभर की कमाई को चंद मिनट में हड़प रहे हैं।
जिले में सालभर में अब तक अलग-अलग साइबर ठगी के 824 मामले सामने आए हैं। जिसमें साइबर अपराधियों द्वारा इन लोगों से 194 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की गई है। वहीं कई ऐसे लोग हैं जो बदनामी के डर से एफआईआर कराने की बजाय पुलिस को गुप्त सूचना दिए हैं। पुलिस इन मामलों की विवेचना में जुटी है। जिले में साइबर ठगी का सबसे बड़ा मामला शहर के बसंतपुर थाना में दर्ज हुआ है।
राजनांदगांव एएसपी राहुल देव शर्मा, ने कहा कि जिला पुलिस की ओर से ऑपरेशन नवा बिहान के तहत एक साथ 165 स्कूल व कॉलेज में साइबर व नशे के विरूद्ध जागरुकता अभियान चलाया गया था। अभियान के फोटोग्रॉफ्स, वीडियो के अवलोकन, परीक्षण व डाटा वेरिफिकेशन के बाद जिला पुलिस को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स से नवाजा गया है। एसपी मोहित गर्ग के निर्देश पर 18 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे एक साथ नवा बिहान के तहत पूरे जिले के विभिन्न 165 स्कूल-कॉलेज और औद्योगिक संस्थानों एवं अन्य स्थानों में 27,143 लोगों को जागरूक किया गया था।
साइबर ठगी से बचने जिला पुलिस द्वारा स्कूल, कॉलेज, बाजार व अन्य भीड़ वाले जगहों पर जागरुकता अभियान चला कर ठगी के तरीके व बचाव की जानकारी देकर पाम्पलेट वितरण भी किया जा रहा है। पुलिस द्वारा साइबर रैम्प लगाकर भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। वहीं पुलिस ने साइबर ठगी होने पर इसकी सूचना तत्काल देने टोल फ्री नंबर 1930 भी जारी किया है।
Published on:
12 Dec 2024 01:12 pm
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