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ऐसा पुल बनाया कि 15 किमी चक्कर लगाना पड़ता है

ग्रामीणों को राहत पहुंचाने के लिए मनोहर सागर जलाशय के डूबान एरिया में लगभग 16 लाख की लागत से रपटा पुल का निर्माण कराया है।

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Satya Narayan Shukla

Nov 10, 2016

It has a bridge that is 15 km circling

It has a bridge that is 15 km circling

राजनांदगांव.
जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर खडख़ड़ी और आको गांव के बीच ग्रामीणों को राहत पहुंचाने के लिए प्रशासन ने मनोहर सागर जलाशय के डूबान एरिया में लगभग 16 लाख की लागत से रपटा पुल का निर्माण कराया है।

अफसरों द्वारा की गई तकनीकी लापरवाही के चलते यह पुल किसी काम का नहीं है। जलाशय का अतिरिक्त पानी डूबान एरिया में बह रहा है। स्थिति यह है कि पुल के उपर से पानी का बहाव होने से आवाजाही मुश्किल हो गई है। ग्रामीण हाइवे की ओर से 15 किलोमीटर का सफर तय करते हैं, तब ग्राम पंचायत तेलिनबांधा पहुंचते हैं।


ऊंचाई कम

ग्रामीणों के अनुसार पुल की ऊंचाई अधिक होनी थी, लेकिन अफसरों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और जल्दबाजी में निर्माण पूरा कर खानापूर्ति कर दिए। वहीं अब खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। पुल के ऊपर से पानी बहने के कारण कुछ ग्रामीण तो रिस्क लेकर ट्यूब का सहारा लेकर नाला पार कर रहे थे। वहीं वहीं कई ग्रामीण हाइवे होते ही लगभग 15 किलोमीटर का सफर तय करते हुए ग्राम पंचायत पहुंचते हैं।


निर्माण के दौरान की थी आपत्ति

ग्रामीणों ने बताया कि वर्षों से पुल निर्माण की मांग कर रहे थे, क्योंकि रोज किसी न किसी काम से ग्राम पंचायत जाना ही पड़ता है। पानी कम रहता है तब आसानी से कम दूरी तय कर पंचायत पहुंच जाते हैं। मांग पर प्रशासन ने 16 लाख रुपए खर्च कर रपटा पुल का निर्माण कराया। निर्माण के दौरान ही ग्रामीणों की ओर से आशंका जताई गई थी कि पुल जलाशय से पानी छोड़े जाने पर डूब जाएगा। निर्माण स्थल की दिशा डूबान वाले हिस्से में है।


तकनीकी गड़बड़ी

सही दिशा में रपटा पुल का निर्माण नहीं हुआ । ग्रामीणों की आपत्ति को नजर अंदाज किया गया। पुल की ऊंचाई कम होने के कारण यह दिक्कत। पुल का निर्माण अब तक पूरा नहीं हुआ है


राशि कम स्वीकृत होने की दिक्कत

आरईएस के सब इंजीनियर श्रीकांत देवांगन ने बताया कि पुल का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। जितनी राशि स्वीकृत हुई, उतना काम होगा। यहां बड़ा पुल बनना था पर राशि कम स्वीकृत होने की दिक्कत हो रही।

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