
Ration Card: राजनांदगांव में मृत व्यक्तियों के नाम को राशन कार्ड से विलोपित करने में शासन-प्रशासन की गंभीर लापरवाही सामने आई है। विभागों के बीच आपसी सामंजस्य नहीं होने के कारण वर्तमान में 8 हजार से अधिक मृत लोगों के नाम से हर महीने तकरीबन 560 क्विंटल राशन जारी हो रहा है। इस तरह हर महीने मृत व्यक्तियों के नाम से राशन आबंटित कर अफसरों द्वारा शासन को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
शासन की ओर से एक परिवार को हर महीने 35 किलोग्राम चावल और एक किलो नमक मुत दिया जाता है। इसके अलावा 18 रुपए में एक किलो शक्कर दिया जाता है। जिले में अलग-अलग कैटेगिरी के कुल दो लाख 51 हजार 603 राशन कार्ड है।
किसी व्यक्ति के मृत होने की जानकारी ग्राम सचिव या निगम कार्यालय के जन्म-मृत्यु विभाग में दी जाती है, इसके बाद कार्यालय से जब संबंधित को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इस तरह हर महीने जितने भी व्यक्तियों की मृत्यु होती है, उसका डाटा राशन कार्ड में नाम जोड़ने और विलोपित करने वालों को दे देना चाहिए। इससे संबंधितों का नाम राशन कार्ड से विलोपित कर खाद्य विभाग के पोर्टल में अपडेट कर दिया जाएगा। इसके बाद मृत व्यक्ति के नाम से राशन जारी नहीं होगा साथ ही शासन की अन्य योजनाओं का लाभ भी मृत व्यक्ति के नाम से नहीं लिया जा सकेगा। प्रशासन की ओर से सती से पड़ताल की जाएगी तो सार्वजनिक वितरण प्रणाली में और भी कई चौंकाने वाले घपले सामने आएंगे।
शासन द्वारा एक परिवार में यदि तीन से पांच सदस्य होने पर उन्हें 35 किलोग्राम चावल दिया जाता है। इसके बाद प्रत्येक सदस्य के आधार पर 7 किलोग्राम अतिरिक्त राशन दिया जाता है। ऐसे में यदि 8 हजार लोगों को सात किलोग्राम राशन के हिसाब से हर महीने 5 सौ 60 क्विंटल चावल मृत लोगों के नाम जारी हो रहा है। यह आंकड़े लगातार घटने बढ़ने वाले हो सकते हैं।
मृत लोगों के नाम को राशन कार्ड से विलोपित करने का कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। लोग अपने परिजनों के मृत होने की जानकारी सचिव या फिर नगर निगम कार्यालय में दे देते हैं, उनके द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र दे दिया जाता है, लेकिन इसके बाद राशन कार्ड से मृत व्यक्तियों के नाम को विलोपित करने कोई पहल नहीं की जाती। ‘पत्रिका’ पड़ताल में खुलासा हुआ है कि जब संबंधित परिवार द्वारा राशन कार्ड से नाम विलोपित करने आवेदन दिया जाता है, तभी नाम हटाया जाता है, अन्यथा मृत व्यक्ति के नाम से हर महीने संबंधित परिवार को राशन जारी होते रहता है।
जिले में अंत्योदय कार्ड - 37 हजार 256
निराश्रित कार्ड - 329
प्राथमिकता कार्ड - 1 लाख 78 हजार 6
नि:शक्तजन - 1246
एपीएल कार्ड - 34 हजार 766
कुल- 2 लाख 51 हजार 603 कार्ड
जिला खाद्य अधिकारी रविंद्र सोनी ने बताया कि राशन कार्ड में नाम जोड़ने व काटने का काम खाद्य विभाग का नहीं है। ये कार्य पंचायत स्तर सचिव व शहर में निगम कार्यालय से होता है। उनके द्वारा डाटा भेजने पर पोर्टल से नाम विलोपित किया जाता है। प्रक्रिया वही पूरी करते हैं।
Updated on:
06 Apr 2025 06:43 pm
Published on:
06 Apr 2025 06:42 pm
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