बीते एक महीने पहले सुनीता यादव कोरोना से संक्रमित हो गई थी। इसके बाद अपने आपको होम आइसोलेशन में रखकर कोरोना को मत दी है। संक्रमण के दौरान उनकी देखभाल करने कोई आगे नहीं आया, परंतु बेटी आस्था ने बेटा बन कर फर्ज निभाया। उसने मां की सेवा की और मां को कोरोना बीमारी से निजात दिलाई। हालांकि मां की सेवा करते हुए आस्था भी कोरोना संक्रमित हो गई थी। कोरोना की जंग जीत चुकी सुनीता यादव ने अपने बेटी के सेवा से बेहद गदगद है और कहती है कि भगवान आस्था की तरह हर किसी के घर बेटी दे।
सुनीता यादव गृहिणी हैं और मध्यमवर्गीय परिवार से हैं। उनके पति शासकीय कर्मचारी हैं, लेकिन वे भी ज्यादातर बीमार रहते हैं। आस्था कहती हैं कि जब मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है। जब वह खुद भी संक्रमित हो गई तो भी अपना हौसला नहीं खोया और कोरोना को मात दी है। कोरोना का जंग जीत सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनी आस्था यादव ने लोगों को कोविड-19 के नियमों का पालन करने की अपील की है। उन्होंने मास्क लगाने, दो गज की दूरी का पालन करने कहा है। इसी तरह लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने की अपील की है।