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कमरे और फर्नीचर की कमी, कक्षाओं में खड़े होकर पढ़ाई करने मजबूर हैं विद्यार्थी

पाड़ादाह हायर सेकेण्डरी स्कूल का हाल

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कमरे और फर्नीचर की कमी, कक्षाओं में खड़े होकर पढ़ाई करने मजबूर हैं विद्यार्थी

राजनांदगांव / खैरागढ़. स्कूलों में शिक्षा सत्र की शुरूआत के बाद भी फर्नीचरों, कमरों की कमी बरकरार है जिसके कारण कई स्कूलों के कक्षाओं में छात्रों को खड़े होकर पढ़ाई करने की मजबूरी सामने आ गई है। कक्षाओं में अधिक प्रवेश के चलते छात्रों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो गई है लेकिन सुविधाओ को लेकर व्यवस्था पुराने ढर्रे पर ही चल रही है। ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में कमरों और फर्नीचरों की कमी की लगातार शिकायते है जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।

कमी बरकरार है
पाड़ादाह के पुराने स्कूल भवन के जर्जर होने के बाद पिछले सत्र में ही नए भवन बनकर तैयार होने के बाद स्कूल को पूरी तरह वहां शिफ्ट किया गया। इसके बाद भी यहां कमरों की कमी बरकरार है। प्राचार्य केएस मरकाम ने बताया कि स्कूल में छात्रों की संख्या के हिसाब से 5 कमरों और लगभग 2 सौ फर्नीचर सेट की जरूरत है लेकिन कमी के कारण छात्रों को जमीन पर बैठकर व पीछे खड़े होकर पढ़ाई करानी मजबूरी है।

पाड़ादाह हाईस्कूल में खड़े होकर कर रहे पढ़ाई
पाड़ादाह के हायर सेंकेडरी स्कूल में इलाके से छात्रों की सबसे ज्यादा भर्ती के कारण कक्षा 11 की संयुक्त विषय की कक्षा में पैर रखने की जगह नही है। शिक्षक ले देकर अपनी टेबल तक पहुँचते है जबकि फर्नीचर की कमी के कारण आखिरी के छात्रों को पूरा पीरियड खड़े होकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। पाड़ादाह हासे स्कूल में सभी विषय और बेहतर शिक्षक होने के कारण आसपास के दर्जनभर गांवों के छात्र यहां पढाई करते है। खत्म हुए शिक्षा सत्र में स्कूल का बोर्ड परीक्षाओं में 93 फीसदी से ज्यादा रिजल्ट रहा। लेकिन नए कमरो और फर्नीचर की कमी इसमें परेशानी बढ़ा रही है। पाड़ादाह हासे स्कूल में वर्तमान में 721 छात्र अध्ययनरत है। सबसे ज्यादा कक्षा 9 में 245, 10 में 155, 11वीं में 205, और 12वीं में 116 छात्र-छात्राएं शामिल है।

पुराना भवन है जर्जर
पुराने स्कूल भवन को लोनिवि द्वारा जर्जर घोषित करने के कारण वहां के कमरों में शिक्षकीय व्यवस्था नही हो पा रही है। बताया गया कि पुराने भवन में अतिरिक्त कमरे तथा अन्य व्यवस्था है लेकिन जर्जर घोषित करने के कारण वहां कक्षाओ का संचालन करने में खतरा है। नए अतिरिक्त कमरों की मांग को लेकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियो को जानकारी दी गई है पर समस्या का समाधान अभी तक नही निकल पाया है।

सार्वजनिक शौचालय की बदबू से विद्यार्थियों को होती है परेशानी
पाडादाह हासे स्कूल परिसर के बाहर पंचायत द्वारा बनाए गए सार्वजनिक शौचालय से रोजाना उठ रही बदबू भी स्कूल में कक्षा 11वीं के छात्रो को रोजाना परेशान कर रही है। बताया गया कि स्कूल के पीछे बनाए गए शौचालय की बदबू सीधे कक्षा 11वीं में आती है जिसके कारण पढ़ाई और अन्य कार्यो में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बदबू के कारण कई बार छात्रों को कक्षा छोड़कर बाहर निकलना पड़ता है। सफाई नही होने से शौचालय में भी गंदगी पसरी है जिससे बदबू और बढ़ जाती है।

समस्याओं से अधिकारियों को कई बार कराया गया है अवगत
प्राचार्य शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल पाड़ादाह केएस मरकाम ने कहा कि स्कूल में कमरो की कमी और फर्नीचर की मांग को लेकर उच्च कार्यालय को पत्र कई बार लिख चुके है लेकिन अभी तक स्वीकृति नही मिल पाई है। इलाके से काफी छात्र-छात्राएं यहां पढ़ाई के प्रवेश लेते है। संख्या अधिक होने से परेशानी बढ़ जाती है। अभी भी फर्नीचर और कमरों की परेशानी बरकरार है।