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शहर का मुख्य नाला तब्दील हो रहा नाली में, सफाई के अभाव में पसरी गंदगी

पालिका प्रशासन नहीं दे रही ध्यान

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 The main drain of the city is turning into a drain, the dirt that is lying in the absence of cleanliness

पालिका प्रशासन नहीं दे रही ध्यान

राजनांदगांव / डोंगरगढ़. धर्मनगरी डोंगरगढ़ का मुख्य नाला इन दिनों नाली में तब्दील होने लगा है जिसका प्रमुख कारण है लगातार नालों के किनारे होने वाला अतिक्रमण और नगर पालिका द्वारा सफाई का अभाव। खासतौर पर बुधवारी पारा पुल से अस्पताल के पीछे व टॉकीज के पीछे होते हुए खंडूपारा पुल की हालत तो इतनी गंभीर हो चुकी है कि यहां पर नालों के दोनों किनारों में बड़ी मात्रा में बड़ी-बड़ी झंकाडियां, मटेरियल और गंदगी का ढेर है। केवल बीच में ही थोड़ी सी जगह से शहर का पानी बहता है। खंडूपारा पुल के पास बड़ी मात्रा में गंदगी जमा हो गई है जिससे बदबू इतनी कि आसपास रहने वाले लोगों का अपने ही घर पर रहना मुश्किल हो गया है। आलम यह है कि बदबू के कारण कुछ लोग उल्टी दस्त के शिकार हो चुके हैं। ज्ञात हो कि लगभग साल भर पूर्व गर्मी के दिनों में ही मजदूरों के द्वारा मुख्य नालों की झंकाडियों की सफाई करवाई गई थी और लगभग पांच वर्ष पूर्व जेसीबी मशीन व मजदूरों से सफाई करवाई गई थी लेकिन उसके बाद से आज तक मुख्य नालों की जेसीबी से सफाई नहीं कराई गई है जिसके चलते नाला दोनों ओर से पटता जा रहा है और गंदगी इतनी कि आसपास के लोगों के रहना मुश्किल हो रहा है। ऐसी स्थिति में धर्मनगरी के निवासियों का जीवन खतरे से भरा हुआ है जिसके जवाबदार नगर पालिका के अधिकारी व संबंधित विभाग के कर्मचारी एडी चोखांद्रे है। जिनकी नालों की सफाई को लेकर कोई इच्छा शक्ति दिखाई नहीं देती।

पालिका के सुस्त रवैया से नहीं हो रही सफाई
इस संबंध में उनसे बात करने पर उन्होंने बताया कि कल से मजदूरों के माध्यम से नालों की सफाई चालू की जाएगी जिसमें नालों के किनारों की झंकाडियां ही काटी जाएगी लेकिन नालों में भरे मलमो की सफाई जेसीबी से ही संभव है जिसमें 25 से 30 लाख का खर्च आ सकता है। इस राशि के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी तक प्रस्ताव बनाकर नहीं भेजा गया है यानी लगभग पांच वर्षों से नालों की जेसीबी से सफाई के लिए न तो मुख्य नगर पालिका अधिकारी को अवगत कराया गया और न ही परिषद में इस बात को रखकर प्रस्ताव बनाया गया जिससे शासन इस समस्या का हल निकालने के लिए राशि स्वीकृत करती जब राशि ही नहीं होगी तो सफाई कैसे होगी। कहीं न कहीं लोक कर्म विभाग के प्रभारी एडी चोखांद्रे की सुस्त कार्यप्रणाली व इच्छा शक्ति की कमी के कारण नालों में गंदगी का आलम है जिसका खामियाजा पूरे शहर को भुगतना पड़ सकता है।

खंडूपारा में भी गंदगी का आलम: छाबड़ा
इस सबंध में नेता प्रतिपक्ष अमित छाबड़ा ने कहा कि लगातार 1 महीने से बोला जा रहा है कि खंडूपारा नाला कई महीनों से साफ नही हुआ है बीमारी फैलने का डर है। उसके बावजूद नगर पालिका द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया आखिर वही हुआ जिसका डर था लोगों को उल्टी और दस्त चालू हो गए। उन्होंने बताया कि नगर पालिका में संबंधित विभाग के प्रभारी से संपर्क करने पर पता चला कि नगर पालिका के पास ब्लीचिंग पाउडर भी नही है। अमित छाबड़ा ने कहा कि जब नगर पालिका के पास ब्लीचिंग पाउडर जैसी आवश्यक चीज भी नहीं है तो मेरे ख्याल से अब नगर पालिका को बंद कर देना चाहिए।