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संसार में असंख्य प्राणी है उनमें मानव श्रेष्ठतम प्राणी है

ग्राम इरईकला में कबीर सत्संग आयोजित

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 There are innumerable creatures in the world, among them humans are the best creatures.

ग्राम इरईकला में कबीर सत्संग आयोजित

राजनांदगांव / पटेवा. समीपस्थ ग्राम इरईकला (जालबांधा) के कबीर आश्रम में कबीर सत्संग समिति व ग्रामवासियों द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय कबीर सत्संग समारोह समापन हुआ। जिसमें आध्यात्मिक विचारक मनीषी संत ज्ञान साहेब कबीर आश्रम करखड़ी बड़ोदरा एवं संत प्रेम साहेब कबीर जागू आश्रम बनारस ने अपने आध्यात्मिक विचारों से लोगों को लाभान्वित किए। कार्यक्रम के अंतिम दिवस पर संत ज्ञान साहेब ने बताया कि संसार में असंख्य प्राणी है उनमें मानव श्रेष्ठतम प्राणी है। मानव दो भागों में विभाजित है, एक नर और दूसरा नारी। दोनों सामान प्राणी है इसमें कोई बड़ा व कोई छोटा नहीं है। दोनों को भौतिक विकास व आध्यात्मिक विकास करने का जन्म सिद्ध समानाधिकार प्राप्त है। इसलिए प्रत्येक नर-नारी का पावन कर्तव्य है कि वे जीवन गुजर के लिए भौतिक विकास करते हुए अपने विकास की ओर ध्यान जाना चाहिए। मानव जीवन में विकल्प है जो और किसी जीव में नहीं है जब छात्र के समक्ष प्रश्न आते हैं तो उसमें लिखा जाता है अर्थात् अथवा लिखा रहता है। जिसमें से छात्र अपनी समझ के अनुसार एक को हल करता है। ये सौभाग्य सिर्फ मानव को मिला है चुनाव करने का।

चुनाव करने का सौभाग्य सिर्फ मानव को
संत प्रेम साहेब ने बताया कि सृष्टि के विधान को माताओं, बहनों व बेटियों के बिना हम किसी सभ्य समाज की कल्पना नहीं कर सकते। इनका संस्कार, स्वभाव, शिक्षा, आदर्श, ये जितने सद्गुुण संपन्न होंगे, उतना ही हमारा समाज, परिवार, हमारा राष्ट्र अत्यंत सुंदर होगा। हम माताओं, बहनों, बेटियों के बिना सृष्टि की कल्पना ही नहीं कर सकते। जो ये सुंदर संसार हमें देखने को मिलती है इन्हीं माताओं ने हमें दी है।