
महामाया की जगह राजेश्वरी और स्वर्णा की जगह आई स्वर्णा सब-1 किस्म की नई धान, बढ़ेगी पैदावार
राजनांदगांव. किसानों के लिए इस साल दो नए किस्म के धान के बीज का वितरण सोसाइटियों से किया जा रहा है। इसमें हरहुना किस्म महामाया की जगह राजेश्वरी और माई धान में स्वर्णा की जगह स्वर्णा सब-1 किस्म की नई धान बोनी कर पैदावारी के लिए दिया जा रहा है।
कृषि विभाग से मिली जानकारी अनुसार नए किस्म के धान राजेश्वरी महामाया के विकल्प के रुप में और स्वर्णा बी-1 को स्वर्णा की जगह नए वर्जन में किसानों को उपलब्ध कराया गया है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी किस्म के धान की अवधि 15 साल से अधिक होने पर पैदावारी में बहुत अंतर आता है और बीज भी अच्छे से काम नहीं आता। महामाया और स्वर्णा धान की अवधि लगभग 15 साल से अधिक हो गया है।
घट गया धान का रकबा
इसके एवज में दोनों धान के बदले राजेश्वरी और स्वर्णा बी 1 धान की नई किस्म किसानों को दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि दोनों नए किस्म के धान की पैदावारी बहुत अच्छी है।अल्प वर्षा व अकाल की छाया के चलते किसानों का रुक अब धान की बजाय दलहन व तिलहन की ओर बढ़ता जा रहा है। पिछले साल की अपेेक्षा इस साल जिले में धान का रकबा करीब 3 हजार हेक्टेयर कम होने की जानकारी सामने आई है।
वहीं दलहन व तिलहन का रकबा 2 से 3 प्रतिशत तक बढ़ी है। इस साल धान का रकबा 2 लाख 83 हजार हेक्टेयर है। वहीं पिछले साल धान का रकबा 2 लाख 86 हजार के आसपास था। इस साल दलहन का रकबा 24254 है। वहीं तिलहन का 31538 हेक्टेयर है। गौरतलब है कि जिले में साल दल साल बारिश का आंकड़ा बहुत कम होते जा रहा है। बीते साल व सन 2015 में औसत से बहुत कम बारिश होने की वजह से जिले भर में अकाल पड़ा था।
मिली जानकारी अनुसार कई सोसाइटियों व उप केन्द्रों में अभी से ही खाद की किल्लत शुरु हो गई है। हालांकि कृषि विभाग द्वारा पर्याप्त खाद भंडारण की बात कहीं जा रही है, लेकिन हकीकत में किसानों को सोसायटियों में पर्याप्त खाद समय पर नहीं मिल रहा है। सबसे अधिक समस्या उप केन्द्रों में हो रही है क्योंकि उप केन्द्र सप्ताह में एक या दो दिन ही खुलता है।
दूर दराज गांव के किसान जहां पर सोसायटी नहीं है वे उप केन्द्रों से ही खाद व बीच की खरीदी करते हैं। मिली जानकारी के अनुसार खाद की अधिक समस्या खैरागढ़, घुमका, सोमनी, अर्जुनी के आस-पास उप केन्द्र व वनांचल क्षेत्र मानपुर-मोहला के उप केन्द्रों में है।
28817 मिट्रिक टन खाद का भंडारण
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस साल जिले में खाद भंडारण का लक्ष्य 67620 मिट्रिक टन है। इसके एवज में अब तक 28817 मिट्रिक टन खाद का भंडारण हो चुका है। जिसमें 13905 मिट्रिक टन खाद का वितरण किसानों को किया जा चुका है। इस साल किसानों को खाद पीओएस सिस्टम के जरिए दिया जा रहा है। बिना पीओएस के खाद नहीं मिलेगा। जिले में अब तक 126 सोसायटियों में पीओएस मशीन लगाया जा चुका है। वहीं लगभग 50 सोसायटियों में जल्द ही मशीन उपलब्ध कराने की तैयारी है।
उप संचालक कृषि अश्वनी बंजारा ने बताया कि इस साल किसानों को महामाया की जगह राजेश्वरी व स्वर्णा की जगह स्वर्णा सब-1 किश्म की नई धान बीच दिया जा रहा है। नए वर्जन के बीज में पैदावारी अधिक होगी। जिले के सभी सोसायटियों में पर्याप्त खाद पहुंच गया है। कुछ जगह उप केन्द्रों में परेशानी होगी। जल्द ही कमी को पूरा करेंगे।
Published on:
13 Jun 2018 12:37 pm
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