
CG News: शहर से लगे मोहड़ वार्ड 49 में 11 जून 2025 को रेत तस्करी के दौरान हुई गोलीकांड की सनसनीखेज मामले में पुलिस ने 1 सितंबर को कोर्ट में चालान पेश कर दिया है। पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है, वहीं मुख्य आरोपी माने जा रहे मास्टर माइंड संजय सिंह तोमर और अमन बैसांदर को अब तक फरार बताया गया है। सूत्रों के मुताबिक इस मामले की पहली सुनवाई 15 सितंबर को हो सकती है। पुलिस ने मामले में आरोपियों के पास से देशी कट्टा और घटना स्थल से कारतूस के खाली खोके बरामद की थी।
मोहड़ गोलीकांड प्रदेश का पहला ऐसा मामला माना जा रहा है जब रेत माफियाओं ने खुलेआम गोलियां चलाईं। मामले में 9 आरोपियों को एमपी के अलग-अलग क्षेत्रों से पकड़ा गया, फरार आरोपियों को पकड़ने का पुलिस सिर्फ दावा करती रही, लेकिन पुलिस उनका तस्वीर तक नहीं जुटा पाई। बावजूद इसके पुलिस की ढिलाई और कांग्रेस की नाकामी ने पीड़ितों और ग्रामीणों में असंतोष को और गहरा कर दिया है।
इस घटना ने प्रदेशभर में हलचल मचा दी थी। घटना ने जहां प्रदेश की राजनीति को गरमाया, वहीं पुलिस और भाजपा दोनों ही सवालों के घेरे में रहे। पुलिस की सबसे बड़ी चुप्पी इस मामले में सस्पेंड किए गए सोमनी टीआई सत्यनारायण देवांगन की भूमिका पर है। ऑडियो-वीडियो साक्ष्यों में उनका रेत माफियाओं से संबंध उजागर होने और मामले में आरोपित अभिनव तिवारी के बयान में नाम आने के बावजूद पुलिस जांच को मामूली गलती करार देकर ठंडे बस्ते में डाल चुकी है।
मोहड़ गोलीकांड मामले में कोर्ट में चालान पेश कर दिया गया है। मामले में दो आरोपी अब भी पुलिस पकड़ से दूर हैं। फरार आरोपियों की संपत्ति कुर्क के लिए कोर्ट में प्रतिवेदन लगाया गया है। मामले में आगे भी कार्रवाई की जाएगी।
मोहित गर्ग, एसपी राजनांदगांव
11 जून को मोहड़ में जेसीबी और हाइवा लेकर अवैध रूप से रेत निकासी करने पहुंचे, ग्रामीणों के विरोध पर लाठी-डंडे से हमला किया और छह से आठ राउंड गोलियां भी चला दी। 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया। जेसीबी चालक और वार्ड पार्षद के अलावा हाइवा मालिक अभिनव तिवारी उर्फ चीनू सहित फायरिंग करने वाले अन्य आरोपी दबोचे गए।
दूसरी ओर विपक्ष में बैठी कांग्रेस भी इस पूरे मामले में खोखली साबित हुई। कांग्रेस नेताओं ने मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने पर आईजी कार्यालय घेराव और भाजपा का पुतला दहन करने जैसी घोषणाएं की थीं। ग्रामीणों के साथ देर-सवेर आईजी कार्यालय का घेराव तो किए, लेकिन वार्डों में पुतला दहन जैसे तय कार्यक्रम को अंजाम नहीं दे पाए। इससे कांग्रेस का आंदोलन कमजोर साबित हुआ। प्रदेश स्तरीय नेता भी शांत बैठ गए।
Updated on:
13 Sept 2025 12:15 pm
Published on:
13 Sept 2025 12:14 pm
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