
दो दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित
राजनांदगांव / खैरागढ़. जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में समग्र शिक्षा योजना के तहत समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने एवं दिव्यांग बच्चों को विशेष शिक्षा प्रदान करने के लिए हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षकों को 13 एवं 14 दिसंबर दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी हेमंत उपाध्याय ने उपस्थित होकर शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमे दिव्यांग बच्चों के प्रति सहानुभूति रखने की जरूरत है। उन्हें बेबस और बेचारा कहने बजाय सहयोग करना चाहिए। शासन द्वारा उनके शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए विशेष सुविधाएं एवं नियम और नीति बनाए जिसके तहत उनके जीवन को बेहतर बनाया जा सके। इस दौरान विकास खंड शिक्षा अधिकारी महेश भुआर्य ने कहा कि समावेशी शिक्षा व्यवस्था के तहत हमें विशेष आवश्यकता वाले बच्चों शिक्षा की मुख्य धारा से जोडऩा आवश्यक है, उन्हें विशेष शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उनका शैक्षिक पुनर्वास प्रदान करना भी आवश्यक है।
समावेशी शिक्षा की अवधारणा और परिभाषा को किया स्पष्ट
व्याख्याता कमलेश्वर सिंह ने शिक्षकों को समावेशी शिक्षा की अवधारणा और परिभाषा को स्पष्ट करते हुए कहा कि समावेशी शिक्षा का आशय अध्यापन कक्ष में सामान्य बच्चों के साथ विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को सबके साथ समावेशन करते हुए शिक्षा देना समावेशी शिक्षा है। उन्होंने कहा कि भारत की 75 प्रतिशत से अधिक की आबादी गांवों में निवास करती है अर्थात नि:शक्त बच्चों की संख्या भी गांव में अधिक निवास करती है। अत: इन बच्चों को हम सब समुदाय की सहभागिता से शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़कर सामान्य बच्चों के साथ समावेशन करते हुए बेहतर शिक्षा एवं पुनर्वास की व्यवस्था कर सकते हैं।
विद्यालय में समावेशी शिक्षा का वातावरण निर्माण जरूरी
प्रशिक्षण के मास्टर ट्रेनर्स की आरती यादव ने समावेशी शिक्षा की परिभाषा, भारतीय सांकेतिक भाषा में अंग्रेजी वर्णमाला, अभ्यास टू हैंड वन हैंड शासन द्वारा प्रदत्त सुविधाएं, दिव्यांगता के प्रमाण पत्र के तरीके, कारण एवं निदान की बात कही। दिलीप भारती ने विद्यालय में समावेशी शिक्षा का वातावरण निर्माण, दिव्यांगजन अधिनियम 2016 सामान्य शिक्षकों को 21 प्रकार के दिव्यांगों की जानकारी, ब्लाइंड फोल्ड गतिविधि। सीमा विशेष भावते ने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के साथ अनुकूल व्यवहार करने के तरीके, सांकेतिक भाषा में पाठ्ययोजना एवं दिव्यांग बच्चों के साथ सांकेतिक भाषा में बात करना आदि विषयों पर प्रशिक्षण दिए। जिला शिक्षा एवं प्रिशिक्षण संस्थान की ओर से अकादमिक सदस्य रचना दत्त ने सहभागिता निभाई।
Published on:
15 Dec 2019 11:08 am
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