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पिपरिया जलाशय से छोड़ा जाएगा पानी, किसानों की मांग पर हुई शीघ्र कार्रवाई

डोकराभाठा इलाके में धान की फसल को बचाने पानी की दरकार

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पिपरिया जलाशय से छोड़ा जाएगा पानी, किसानों की मांग पर हुई शीघ्र कार्रवाई

राजनांदगांव / खैरागढ़. ब्लाक के डोकराभाठा इलाके में धान की फसल को बचाने रानी रश्मिदेवी जलाशय से पानी दिया जाएगा। डोंकराभाठा इलाके में धान की फसल को पानी की दरकार है। पखवाड़े भर से बारिश नही होने के कारण धान की फसल पूरी होने को तैयार है पर आखिरी बार पानी की जरूरत है। मामले को लेकर डोकराभाठा सरपंच घनश्याम साहू की अगुवाई मे ग्रामीणों ने पिपरिया परियोजना के एसडीओ एके मुखर्जी से मुलाकात कर परेशानी बताई। जिस पर अधिकारी ने त्वरित रूप से जलाशय से डोकराभाठा के लिए पानी दिए जाने के निर्देश दिए।

400 एकड़ में धान की फसल
डोकराभाठा इलाके में पिपरिया केनाल के नवनिर्माण के कारण इस बार किसानों ने धान की फसल में ज्यादा रूचि दिखाई है। केनाल के निर्माण के बाद पिछले साल से इलाके में सिंचाई की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हो चुकी है। इस बार भी डोंकराभाठा इलाके मे ही चार सौ एकड़ से ज्यादा मे धान की फसल ली जा रही है। पठारी और भाठा क्षेत्र होने के कारण पहले किसान धान की फसल के लिए आसमानी बारिश पर ही निर्भर रहते थे। पिपरिया केनाल निर्माण पूरी होने के बाद सिंचित इलाका होने के कारण किसानो ने धान की फसल के लिए इस बार बेहतर उत्साह दिखाया है। दशहरे के पूर्व धान की जल्द पकने वाले किस्म को पानी की दरकार है आसमानी बारिश की उम्मीद अब फिलहाल नही है किसानो को पखवाड़े भर मे पानी की जरूरत है जिसके बाद डोकराभाठा सरपंच घनश्याम साहू की अगुवाई मे पिपरिया परियोजना कार्यालय मे पानी की मांग के लिए अधिकारियों से चर्चा की गई। जलाशय में पर्याप्त पानी का भंडारण होने के बाद एसडीओ मुखर्जी ने डोकराभाठा के किसानो के लिए जलाशय से पानी देने के निर्देश दिए है। मंगलवार को जलाशय के गेट खोले जाएंगे डोकराभाठा को दूसरे दिन पानी मिलने की उम्मीद है।

वरदान बना जलाशय का केनाल निर्माण
पिपरिया जलाशय परियोजना के तहत पिपरिया केनाल निर्माण खैरागढ़ और छुईखदान इलाके के किसानो के लिए वरदान बन गया है 40 करोड़ रू से अधिक की लागत मे लगभग 76 किमी लंबी केनाल का नवनिर्माण होने के बाद अब पूरे इलाके के 61 सौ हेक्टेयर मे सिंचाई सुविधा का विस्तार हो चुका है पहले यह आकड़ा लेदेकर 4 हजार हेक्टेयर तक ही पहुँचता था । केनाल निर्माण के कारण 21 सौ हेक्टेयर मे अतिरिक्त सिंचाई सुविधा किसानो को मिल रही है इसमे अंतिम छोर के संडी, मंडला और खोंगा तक के अंसिंचित इलाके शामिल है।

सरपंच ग्राम डोकराभाठा, घनश्याम साहू ने कहा कि डोकराभाठा इलाके मे 4 सौ एकड़ से अधिक रकबे मे धानकी फसल लगाई गई है पानी की दरकार के बाद अधिकारी से चर्चा की गई उन्होने पिपरिया जलाशय से पानी छोडऩे के आदेश दिए है।