
ये कैसा अंधविश्वास: महिलाएं रख रहीं कोरोना माता का उपवास!
राजनांदगांव.कोरोना महामारी (Corona Pandemic) ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में लिया है और दुनिया भर के डॉक्टर और रिसर्च सेंटर कोरोना के खात्मे के लिए वैक्सीन और दवाइयां बनाने में लगे हुए हैं। वहीं राजनांदगांव शहर की महिलाएं आध्यात्मिक रूप से कोरोना के प्रकोप को दूर करने में जुटी हैं। कोरोना ने लोगों को इस कदर परेशान कर रखा है कि अब कोरोना को भगाने पूजा-पाठ का दौर भी शुरू हो चुका है। महिलाएं अपने बच्चों से कोरोना से दूर रखने कोरोना को माता मान उसके नाम का उपवास भी कर रही हैं।
कोरोना की दूसरे लहर (Second Wave of Coronavirus) में अधिकांश लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं और कई लोग इसको कोरोना महामारी में अपनी जान भी गवां चुके हैं। महिलाओं ने एक दिन का उपवास रख शीतला माता, बम्लेश्वरी माता, काली माता की पूजा की और साथ ही कोरोना को भी माता (Corona Mata) बताते हुए इसके नाम से उपवास रखा।
महिलाओं का कहना है कि पूजा व्यर्थ नहीं जाएगी और कोरोना का प्रकोप कम होगा। प्रशासन और स्वास्थ्य अमले को ऐसे आयोजनों पर रोक लगाकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। सबसे बड़ी मुश्किल हैं कि महिलाएं ऐसे आयोजनों में कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ रही हैं।
करीब 150 महिलाओं ने रखा उपवास
राजनांदगांव शहर के पुराना बस स्टैंड के समीप मां काली मंदिर के पास बड़ी संख्या में महिलाएं पूजा पाठ के लिए सुबह से ही पहुंचने लगीं। इन महिलाओं का कहना था कि कोरोना माता (Worship of Corona Mata) के लिए वह पूजा कर रही हैं, ताकि उनके बच्चे और परिवार सुरक्षित रहें। महिलाओं का कहना है कि मोहल्ले की लगभग 150 महिलाओं ने कोरोना के लिए उपवास रखा है।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दो गज की दूरी और मास्क का उपयोग जरुरी है। भीड़भाड़ वाली जगह में जाने से बचकर ही इस बीमारी से बचा जा सकता है। अंधविश्वास के चक्कर में पड़कर हम और भी बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हैं। बीमारी के लक्षण होने पर तुरंत जांच कराकर डाक्टर से परामर्श कर इसके दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है। वैक्सीन के लिए पात्र हितग्राही टीका लगाकर इस बीमारी से खुद और परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।
Published on:
14 May 2021 11:16 am
बड़ी खबरें
View Allराजनंदगांव
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
