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बाड़ी योजना के तहत खेती कर आत्मनिर्भर बन रही मोखला की महिलाएं …

महिला स्व सहायता समूह ने लगाई है विभिन्न किस्म की सब्जियां

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Women of Mokhla becoming self-sufficient by farming under Bari scheme

बाड़ी योजना के तहत खेती कर आत्मनिर्भर बन रही मोखला की महिलाएं ...

राजनांदगांव. शिवनाथ नदी के तट पर बसे गांव मोखला में बारहमासी पानी की उपलब्धता इस गांव की समृद्धि बयां कर रही है। नदी के किनारे बने आदर्श गौठान में बने बाड़ी में जटादाह महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने किस्म-किस्म के बैगन, टमाटर, भिंडी, लौकी, गिल्की, ग्वांरफली, ककड़ी, मिर्च लगाईं हैं।

ताइवान के खास तरह के पपीते के पेड़ में फूल लगने लगे हैं, वहीं करमता भाजी, खट्टा भाजी, चेंचभाजी, कांदा भाजी भी लगी हुई है। सोलर पैनल से सिंचाई हो रही है। गांव में कहीं जमीं पर खुशहाली की हरीतिमा है तो कहीं धान की सुनहरी बालियां है। किसान यहां दो फसल लेते हैं वहीं इस क्षेत्र में नदी के समवर्ती गांव भर्रेगांव, धामनसरा, जंगलेसर में सब्जियां बहुतायत में होती है।

योजना से महिलाओं में खुशी और आत्मविश्वास बढ़ा

जटादाह स्व सहायता समूह की अध्यक्ष किरण साहू ने कहा कि शासन की नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना हमारे लिए बहुत अच्छी है। जिससे सब्जियों की खेती करने से हमें रोजगार मिला है। आमदनी बढऩे से बच्चों की परिवरिश में सुविधा होगी और उन्हें सुपोषण भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि द्रव्यजीवमृत, धनाजमृत, वर्मी कम्पोस्ट एवं नाडेप खाद का उपयोग कर जैविक खेती कर रहे हैं। समूह की संदीपा साहू ने कहा कि बाड़ी योजना से महिलाओं में खुशी और आत्मविश्वास बढ़ा है। समूह की महिलाएं वचनी साहू, महेतरीन बाई, अमरोतीन, राजकुमारी भी प्रसन्न है। साथ ही साथ अब सभी आत्मनिर्भर भी हैं।

अब तक 80 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का विक्रय

मोखला में जिले का सबसे बड़ा मॉडल गौठान एवं सबसे बड़ा वर्मी कम्पोस्ट भी है। यहां जय मां अम्बे स्व सहायता समूह एवं प्रगति स्व सहायता समूह की महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट निर्माण का कार्य कर रही हैं। यहां 35 वर्मी बेड है। अब तक 80 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय हो चुका है। सुराजी ग्राम योजना के तहत अम्बागढ़ चौकी के पीपरखार एवं डोंगरगढ़ ब्लाक के गांव मोतीपुर में भी आदर्श गौठान है। जहां महिलाएं बाड़ी योजना के तहत लाभान्वित हो रही हैं।