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राजस्थान रोडवेज की 37 बसें 3 मैकेनिकों के भरोसे

- कर्मचारियों की कमी के कारण जॉब बेसेज पर कराएंगे कार्य, - मुख्यालय ने 36 हजार रुपए प्रतिमाह की दी स्वीकृति

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राजस्थान रोडवेज की 37 बसें 3 मैकेनिकों के भरोसे

 राजसमंद के रोडवेज बस स्टैण्ड पर वर्कशॉप

राजसमंद. राजस्थान रोडवेज के वर्कशॉप कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे हैं। स्थिति यह है कि राजसमंद आगार की 37 बसों की जिम्मेदारी तीन मैकेनिकों के ऊपर है। ऐसे में अब रोडवेज जॉब बेसेज के आधार पर काम कराने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं।
शहर के उप नगर धोईंदा में राजसमंद आगार का मुख्यालय है। यहीं पर रोडवेज का वर्कशॉप है। आगार की वर्तमान में 37 बसें संचालित हो रही है। इनकी देखरेख, इन्हें दुरुस्त करने सहित सभी कार्य वर्कशॉप में होते हैं, लेकिन अब स्थिति यह है कि इस वर्कशॉप में मात्र तीन मैकेनिक बचे हैं जिनपर बसों की जिम्मेदारी है। समय के साथ मैकेनिकों के रिटायर होने और लम्बे समय से नई भर्ती नहीं होने के कारण स्थिति खराब हो गई है। कर्मचारियों की कमी के कारण समय पर बसों का रख-रखाव सहित आवश्यक कार्य नहीं हो पाते हैं। ऐसे में अब राजसमंद आगार की ओर से जॉब बेसेज के आधार पर कार्य करवाने का निर्णय लिया। इससे कर्मचारियों को कुछ राहत मिल सके। आगार की ओर से इसके लिए निविदा आमंत्रित की गई है। इसमें नियम और शर्ते भी लगाई गई है। इससे रोडवेज की बसों को समय पर दुरुस्त कराया जा सकेगा।
यह कार्य करवाएँ जाएँगे जॉब बेसेज के आधार पर
- वाहनों के पुराने इंजन/गियर उतार कर आरसी इंजन लगाना
- क्लच/प्रेशर प्लेट और आगे-पीछे की कमानी बदलना
- 40 हजार किलोमीटर डॉकिंग कार्य करना
- फ्यूज इंजेक्टर पंप एवं इंजेक्टर को बदलना
- डीजल औसत में सुधार के लिए इंजन ट्यून अप करना
- पावर स्टेयरिंग पंप यथा बॉक्स अस्मेबली बदली करना
बामुश्किल दो आदमी मिलेंगे!
आगार की ओर से इसके लिए अधिकतम खर्च 36 हजार रुपए निर्धारित किया गया है जो ऊंच के मुंह में जीरे के समान है। ऐसे में बामुश्किल आगार को दो आदमी मिलेंगे। रोडवेज प्रशासन ने इस लिमिट को बढ़ाने के लिए पत्र लिखा है, जिससे कम से कम 4-5 आदमी मिले, जिससे समय पर कार्य पूरा हो सके और कर्मचारियों को भी राहत मिले।
इनका कहना है...
वर्कशॉप में कर्मचारियों की कमी के कारण कुछ कार्य जॉब बेसेज पर करवाने की अनुमति मिली है। इसके लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं। इसमें मासिक खर्च की सीमा को बढ़ाने के लिए मुख्यालय को पत्र लिखा गया है।
- हरदीप सिंह, मुख्य प्रबंधक राजसमंद आगार