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आधार बिगाड़ रहा ‘जीवन का आधार’

आधार कार्ड की कमी और अपडेशन के चलते ग्रामीणों को नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभबच्चों विद्यालय नामांकन में भी समस्याग्रामीण हो रहे परेशान, सरकारी स्तर पर नहीं है आधार बनवाने की कोई व्यवस्था

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आधार बिगाड़ रहा ‘जीवन का आधार’

आधार बिगाड़ रहा ‘जीवन का आधार’

राजसमंद. सरकार ने आधार कार्ड को हर जगह अनिवार्य कर दिया। यहां तक की राशन भी आधार से मिलता है। अगर राशन कार्ड में आधार लिंक नहीं है तो राशन नहीं मिलेगा, न ही बच्चों का स्कूल में दाखिला होगा। ऐसे में आधार कार्ड जीवन के आधार से जुड़ गया है। अब सरकार ने इसे इतना महत्वपूर्ण दस्तावेज तो बना दिया, लेकिन लोगों के आधार कार्ड बनवाने, उन्हें अपडेट करवाने की व्यवस्था निजी हाथों में सौंप दी। नतीजा अब गांव-ढाणी के अनपढ़, गरीब लोग बच्चों के आधार कार्ड बनवाने, उन्हें अपडेट करवाने के लिए चक्कर पर चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन समस्या का समाधान नहीं होता। क्योंकि ये काम एक दिन का नहीं है, ये सतत चलने वाली प्रक्रिया है। पहले बच्चे का आधार बनता है, फिर एक वर्ष बाद उसे अपडेट करवाना पड़ता है। ऐसे में जबतक प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर एक नियत समय पर आधार कार्ड अपडेशन के शिविर नहीं लगेंगे तबतक गरीब ऐसे ही परेशान होंगे। यह समस्या भी किसी एक पंचायत या जिले की नहीं बल्कि कमोवेश प्रदेश भर की है।


ग्रामीण इलाकों में ज्यादा समस्या
ज्यादातर आधार अपडेशन का काम शहरी क्षेत्रों में होते हैं। क्योंकि कुछ ही ईमित्रों को सरकार ने आधार अपडेशन का काम दे रखा है। ऐसे में शहरी क्षेत्र के लोग तो आसानी से आधार अपडेशन और नया बनवा लेते हैं। लेकिन जिले भीम, देवगढ़, कुंभलगढ़, खमनोर की दूर-दराज की ढाणियों में रहने वाले लोग ज्यादा परेशान होते हैं। वहीं सरकारी स्तर पर आधार कार्ड बनाने का कोई काम नहीं होने से निजी लोग मनमानी शुल्क भी लेते हैं।

ये भी समस्या
कुछ सालों पहले पंचायत स्तर पर आधार कार्ड बनाने के शिविर जिले भर में लगे थे। जिसमें नवजात शिशु का आधार कार्ड बनाया गया था। अब बच्चे बड़े हो गए हैं। कुछ जगहों को छोडक़र दोबारा शिविर नहीं लगे। जिससे बच्चे बड़े हो गए लेकिन उनके फिंगर वेरीफाई नहीं हो पाए, क्योंकि फिंगर छोटी उम्र में नहीं आते। अब फिंगर वेरीफाई नहीं होने से उन बच्चों के दाखिले में समस्या आ रही है। वहीं उन्हें अन्य सरकारी योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा। ऐसे में छोटे-छोटे बच्चों को लेकर परिजन कहां-कहां भटकें।

आधार नहीं बना, मजदूरी भी गई...
मैं रोज मजदूरी कर अपना परिवार चलाता हूंं। मेरे दो बच्चे हैं, जिनका आधार कार्ड नहीं बना है। जिससे हम लोगों को गेहूं भी नहीं मिल रहा। क्योंकि आधार कार्ड लिंक नहीं है। बच्चों का स्कूल में भी एडमिशन करवाना है, वहां पर भी आधार कार्ड मांग रहे हैं। मैं तीन बार आधार के लिए नाथद्वारा और राजसमंद जाकर भी आ गया लेकिन कार्ड नहीं बन पाया। ऐसे में तीन दिन की मजदूरी भी खराब हुई और काम भी नहीं हुआ।
-भीमराज गमेती, श्रमिक, नेगडिय़ा


राशन बंद हो गया...
आधार कार्ड के अभाव में राशन भी बंद हो गया हैं और स्कूल में दाखिला भी नहीं मिल रहा। हम लोग कहां जाएं। मेरे गांव में ही १०-१५ लोग ऐसे हैं जिनके पास आधार नहीं है। बच्चे तो बहुत से हैं। अब आधार कहां बनेगा, इसकी कोई सही जानकारी भी नहीं देता। कोई नाथद्वारा भेजता है तो कोई खमनोर आखिर हम कहां जाएं, जहां काम हो जाए।
-पिंकी गमेती, नेगडिय़ा


राशन कार्ड में नाम है, फिरभी समस्या...
पहले बच्चों के नाम राशन कार्ड में जुड़वाने के लिए मशक्कत करनी पड़ी। अब बच्चे बड़े हो गए, और उनका आधार कार्ड भी है, लेकिन कार्ड अपडेट नहीं है। कुछ ऐसे बच्चे भी हैं, जिनका राशनकार्ड में नाम है लेकिन आधार नहीं है। ऐसे में लोग परेशान हो रहे हैं। हम रोज खाने कमाने वाले लोग हैं। अब आधार बनवाने के लिए रोज-रोज चक्कर नहीं लगा सकते।
-मोतीलाल गमेती, देलवाड़ा

पंचायत स्तर पर शिविर लगने चाहिए...
ग्रामीण इलाकों में ज्यादातर लोग श्रमिक या किसान होते हैं। कम पढ़े लिखे हैं। ऐसे में रोजाना कई लोग आधार की समस्या लेकर आते हैं। अब उन्हें कहां भेजा जाए। सरकार को चाहिए कि ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर लगें ताकि लोग आधार से जुड़ी समस्याओं से निजात पा सकें।
-भंवर कुंवर, वार्ड पंच, नेगडिय

आधार कार्ड शिविर लगवाने की मांग
राजसमंद. देलवाड़ा क्षेत्र के ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय में ज्ञापन सौंपकर क्षेत्र में आधार कार्ड अपडेशन, नवीन कार्ड बनवाने के लिए शिविर लगवाने की मांग की है। दिए ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा बताया कि आधार के बिना लोग सरकारी योजनाओं से वंचित हो रहे हैं। बच्चों के आधार अपडेट नहीं होने से उन्हें दाखिले में समस्या है। साथ ही उन्हें विभिन्न योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा। ज्ञापन देने में क्षेत्र के ख्यालीलाल गमेती, वार्डपंच लालूराम गमेती, बख्तावर लाल गमेती, बबलू यादव आदि थे।


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