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ठाकुरजी के मंदिरों में पूजा करने वाले वैष्णव पुजारी डोली के फिर संरक्षक का हक

राजस्व विभाग ने मंदिर माफी, देवमूर्ति की भूमि के नियमों किया बदलाव

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ठाकुरजी के मंदिरों में पूजा करने वाले वैष्णव पुजारी डोली के फिर संरक्षक का हक

लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद
प्रदेश में चारभुजा मंदिरों में पूजा करने वाले वैष्णव पुजारियों को सरकार ने डोली (मंदिर की जमीन) का फिर संरक्षक बना दिया है। जमाबंदी में पुजारी का नाम नहीं जुड़ेगा, लेकिन जमाबंदी के साथ संरक्षक पुजारी का प्रपत्र हर ठाकुरजी मंदिर की जमाबंदी के साथ संलग्न रहेगा, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी नामांतरित होगा।

राजस्थान पत्रिका ने 10 सितंबर 2016 को ‘दोहरी नीति से छीना पुजारी का हक...’ एवं 12 सितंबर को ‘डोली से बेदखल नहीं होंगे पुजारी...’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर चारभुजा मंदिरों की जमाबंदी से पुजारियों के नाम हटाने को लेकर सवाल उठाया था। इस पर राजस्थान सरकार के राजस्व विभाग ने हरियाणा व मध्यप्रदेश हाइकोर्ट आदेश का परीक्षण कराते हुए विक्रय, निर्माण के अलावा सामान्य खातेदार की तरह डोली (जमीन) में खेती, उपज लेने के सारे हक वैष्णव पुजारी को देने का फैसला किया है। राजस्व विभाग के संयुक्त शासन सचिव अनिल कुमार अग्रवाल ने 12 सितंबर 2018 को परिपत्र के जरिये नियमों में बदलाव कर दिया। निर्देश में जमाबंदी से हटे पुजारियों के नाम अलग से रजिस्टर में संधारित कर प्रपत्र जमाबंदी के साथ संलग्न कर ऑनलाइन करने को कहा है। जमाबंदी देवमूर्ति के नाम रहेगी, लेकिन संरक्षक अधिकार वैष्णव पुजारी का रहेगा।

खातेदार का संपूर्ण परिलाभ मिलेगा
जमीन के सारे परिलाभ खातेदार की तरह पुजारी को मिलेंगे। फसल खराबे पर सरकारी अनुदान, कृषि विभाग की हर योजना का लाभ, बीज, कृषि उपादान व अनुदान का भी उनका ही रहेगा। मंदिर के नाम बैंक खाता होने पर संचालक व उपयोगकर्ता पुजारी को बनाया जा सकेगा।

खातेदारी वाले पुजारियों को पट्टे
राजस्थान भूमि सुधार व जागीर पुर्नग्रहण अधिनियम 1952 की धारा 9 के अंतर्गत खातेदारी वाले पुजारियों के नाम अगर जमाबंदी से हट गए है, तो दोबारा जमाबंदी में दर्ज कर खातेदारी दी जा सकेगी। 13 दिसंबर 1991, 24 मई 2007 व 25 नवंबर 2011 को जारी परिपत्र के तहत खातेदारी मिल सकेगी।

ठाकुरजी की भूमि होगी अतिक्रमण मुक्त
राजकीय भूमि पर काबिज अतिक्रमी के लिए की जाने वाली कार्रवाईकी तर्ज पर चारभुजा मंदिरों की जमीनें अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई तहसीलदार करेंगे। मंदिर मूर्ति हित संरक्षण के लिए जिला कलक्टर अतिक्रमण की रिपोर्ट चरागाह भूमि की तरह राजस्व कर्मियों से नियमित रूप से प्राप्त करेंगे और कहीं भी अतिक्रमण होने पर त्वरित निस्तारण भी उन्हें करना होगा।

हां, बदले हैं नियम
ठाकुरजी के मंदिरों की जमाबंदी से पुजारियों के नाम हटाए, मगर जमाबंदी के साथ एक प्रपत्र में पुजारी का नाम दर्ज होगा। इसका अलग से रिकॉर्ड संधारण करेंगे। हक पुजारी का रहेगा, जो ठाकुरजी की डोली के संरक्षक हैं और हमेशा रहेंगे।
अमराराम चौधरी, राजस्व मंत्री

मिला हक
प्रदेश में ठाकुरजी मंदिरों की जमाबंदी से पुजारी का नाम हटने के बाद लंबे समय से आवाज उठाई जा रही थी। सरकार ने वैष्णव पुजारियों को छीना हुआ हक फिर दिला दिया। पुजारी न सिर्फ डोली पर खेती कर सकेंगे, बल्कि उन्हें विक्रय के अलावा खातेदार को देय सभी परिलाभ मिलेंगे।
बलवंत वैष्णव, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान वैष्णव बैरागी परिषद, जयपुर