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सर्दी चमकी, बाजार में ऋतुफल आए

-सिंघाड़े, चणबेर, सीताफल की आवक शुरू, करवाचौथ पर्व को लेकर भी बाजार में चहल-पहल बढ़ी-इसबार देसी पिंडखजूर नहीं आ रहे नजर

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सर्दी चमकी, बाजार में ऋतुफल आए

सर्दी चमकी, बाजार में ऋतुफल आए

राजसमंद. सर्दी की दस्तक के साथ ही बाजार में सर्दी के मेवे की महक छाने लगी है। इन दिनों ठेले पर सिंघाडं़े, चणबेर, सीताफल आदि नजर आने लगे हंै। सिंघाड़े व चणबेर की आवक आसपास के क्षेत्रों से हो रही है। वहीं पिण्डखजूर ईराक-ईरान से यहांं बिकने आता है। लेकिन इसबार अभी देसी पिंड खजूर की आवक नहीं हो रही। व्यापारियों का कहना है कि काला पिंडखजूर तो मिल रहा है, लेकिन लाल वाला देसी पिंडखजूर बाजार में अभी नहीं आ रहा है। कुछ व्यापारी इस आवक को भी कोरोना से जोडक़र देख रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोना की वजह से इसकी आवक नहीं हो रही है। इधर करवाचौथ नजदीक होने से बाजार में चहल-पहल बढ़ी है। सुहागिन महिलाओं ने शृंगार के साथ ही कपड़ों व पूजा सामग्री की खरीदारी शुरू कर दी है।


नहीं दिख रहे देसी पिंडखजूर
सर्दी की दस्तक के साथ ही बाजार में सभी तरह के ऋतुफल आ गए हैं, लेकिन इसबार पिण्डखजूर विभिन्न ठेलों पर व दुकानों में नजर नहीं आ रहे हैं। वर्तमान में इसकी आवक कमजोर है। यह फल शीत ऋतु में ही यहां बिक्री के लिए आता है। ऋतु फल होने के कारण सभी लोग इसका रसास्वादन करते हैं। लेकिन इसबार लाल पिंडखजूर नजर नहीं आ रहे। व्यापारियों का कहना है कि बाजार में पुराना माल है। कोरोना के भय के चलते व्यापारी उसे ले नहीं रहे और नया माल अभी आया ही नहीं है।

सिंघाड़े ने दी दस्तक
इसीतरह ऋतु फल सिंघाड़े ने दस्तक दे दी है। इन दिनों यह ठेले में सजे नजर आने लगे हैं। वर्तमान में इनकी आवक आस पास के क्षेत्रों से हो ही है। बाजार में यह कच्चे तथा उबले दोनों मिल रहे हैं। महंगा होने के कारण अभी ग्राहकी कमजोर है। इसीतरह ठेलों पर काले व हरे अंगूर नजर आनेलगे है। हालांकि अभी इसकी आवक कमजोर है। वर्तमान में इसकी आवक नासिक क्षेत्र से हो रही है।

बाजार में छाए खट्टे मीठे चण बेर
शहर के विभिन्न बाजारों व सडक़ के दोनों किनारों पर टोकरे में रखे चणबेर व सीताफल नजर आने लगे है। इसकी आवक भी शीत ऋतु में जिले के आसपास के मगरे से हो रही है। खाने में स्वादिस्ट इस फल का पूजा में भी उपयोग होता है। करवाचौथ में इसकी जबरदस्त बिक्री होती है।

बाजार में चहल-पहल बढ़ी
करवा चौथ का पर्व पास होने से बाजार में चहल-पहल बढ़ गई है। सर्राफा बाजार, कपड़ा बाजार, मनिहारी की दुकानों में महिलाओं की भीड़ होने लगी है। करवाचौथ के लिए महिलाएं अभी से मिट्टी के करवा, दीपक व शृंगार प्रसाधन सामग्री की खरीदारी करने लगी हैं।


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