
अस्सी के पार, फिर भी सभी काम अपने हाथ
कुंवारिया. आधुनिक परिवेश एवं जीवन पद्धति को देखते हुए सामान्यत: 60-65 वर्ष की उम्र के बाद यह मानसिकता बन जाती है कि अब जीवन ढलान की ओर अग्रसर है। शरीर के अधिकांश अंग आराम करने को कहते हैं। पर आज भी समाज में कुछ लोग ऐसे जीवट वाले होते हैं, जिनके जीने का अंदाज ही कुछ अलग होता है। उम्र उनके काम में बाधक नहीं बनती। समीपवर्ती गलवा गांव के चारभुजा के मंदिर के समीप रहने वाली 80 वर्ष से भी अधिक उम्र की महिला रुकमणी देवी मशीन पर सिलाई करते हुए दिखाई देने पर हर किसी को अपनी ओर बरबस आकर्षित कर लेती है।
घर में भी करती है सहयोग
रुकमणी टेलर (81 वर्ष) प्रतिदिन दैनिक कार्य अपने स्तर पर ही पूरा करती हैं। साथ ही समय मिलने पर घर के कामों में हाथ बटांती हैं। रुकमणी बताती हैं कि उम्र कभी भी जीवन में बाधक नहीं बनती है। यह व्यक्ति की मानसिकता पर निर्भर करता है कि वह अपने शरीर का कितना साथ लेता है। शरीर भी आत्मविश्वास वाले व्यक्ति का भरपूर साथ देता है। वे कहती हैं, सदैव अच्छा खाए एवं अच्छा सोचें तो शरीर चुस्त तंदुरुस्त रहता है। घर पर गाय-भैंस दुधारू पशु है। खेत पर कुआ है एवं सिंचाई के माध्यम से फसल हो जाती है। ऐसे में खाने-पीने की सभी वस्तुएं घर पर उपलब्ध हैं एवं बाजार पर निर्भरता नहीं के बराबर है। उन्होंने बताया कि खानपान अगर शुद्ध होगा तो व्यक्ति की कार्यक्षमता भी स्वत: बढ़ जाती है। बाजार की वस्तुओं पर जितना अधिक हम आश्रित रहेंगे, उतना ही यह शरीर के लिए नुकसानदायक रहता है। घर पर दुधारू पशु होने से दूध, दही व छाछ घर की उपलब्ध हो जाती है, वही खेतों से हरी सब्जी, अनाज एवं दालें मिल जाती है। ऐसे में खाने-पीने की अधिकांश वस्तुएं घर में ही उपलब्ध हो जाती है, साथ ही खेती एवं पशुपालन के कार्य में परिश्रम करते हैं, जिससे शरीर स्वस्थ एवं निरोगी रहता है।
बच्चे भी उत्साहित व प्रोत्साहित होते हैं
रुकमणी का पुत्र फतेहलाल ने बताया कि मां अपने अधिकांश सभी कार्य खुद ही पूरा करती हैं एवं घर के कार्यों में भी उत्साह के साथ में हाथ बंटाती है। उनको देखकर जीवन में आत्मनिर्भर बनने एवं अपना दैनिक कार्य स्वयं के हाथ से करने की प्रेरणा मिलती है। महिला के 4 पोते-पोती एवं दो पड़पौती है, जिसमें एक पड़पोती कक्षा 12 में पढ़ती है तथा दूसरी कक्षा 5 में पढ़ती है। दादी को 8१ वर्ष की उम्र में भी काम करते हुए देखकर पौते एवं पढ़पोतियां भी काफी उत्साहित एवं स्वयं को ऊर्जावान महसूस करती हैं।
Published on:
01 Oct 2020 12:15 am
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