
mp assembly election
भीम विधानसभा क्षेत्र की आबादी उदयपुर-अजमेर हाईवे के दोनों बसी हुई है। यह विधानसभा क्षेत्र पूरे जिले में सर्वाधिक भारतीय सैनिक देने वाला क्षेत्र है। यहां से निकलने वाले ग्रेनाइट की भी पूरे प्रदेश में धाक है। चहुंओर से अरावली की पहाडिय़ां से घिरा होने के कारण इसे मगरा क्षेत्र भी कहा जाता है। यहां की आबादी छितराई हुई है। राज्य सरकार ने मगरा विकास विकास बोर्ड का भी गठन किया है। भीम विधानसभा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति जितनी जटिल है उससे भी अधिक यहां की राजनीति को कहा जा सकता है। यहां पर आजादी के बाद से अब तक सत्ता दो परिवारों के इर्द-गिर्द घूमती रही है। भाजपा ने पिछली बार के हारे उम्मीदवार हरिसिंह रावत पर पुन: दाव खेला है, जबकि कांग्रेस के वर्तमान विधायक सुदर्शन सिंह रावत को ही उम्मीदवार बनाया है। पिछली बार अजय सोनी के निर्दलीय खड़े होने से भाजपा का गणित बिगड़ गया था, लेकिन इस बार अजय सोनी भाजपा प्रत्याशी के साथ होने के कारण मुकाबले कांटे का हो गया है। ऐसे में जीत-हार का अंतर कम होने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि मैदान में आप पार्टी से मनोहर सिंह रावत, बसपा से हुकमाराम सालवी, एलजीपी गोविंद सिंह, निर्दलीय के रूप में घनश्याम सिंह, रावत दिलीप सिंह, मोहनसिंह रावत, सुदर्शन सिंह रावत और हरिसिंह मैदान में है।
प्रत्याशी कर रहे वादे
- चम्बल से आने वाले पानी का काम तेजी से करवाने का
- तकनीकि शिक्षा और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने
- भय मुक्त और भष्ट्राचार मुक्त राज स्थापित करने का
क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे
- देवगढ़ से भीम होते हुए मारवाड़ को ब्राडगेज से जोड़ा जाना चाहिए
- बग्गड़ औद्योगिक क्षेत्र को विकसित कर रोजगार के अवसर बढ़ाने
- कॉलेज और हॉस्पिटलों में रिक्त पदों को भरवाकर सुचारू संचालन करना
इन मुद्दों पर देना होगा ध्यान
- बग्गड़ तालाब से निकलने वाली नहर को पक्की करवाने
- ग्रामीण क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त सडक़ें और बहता गंदे पानी का समाधान
- हाईवे पर लावारिश पशुओं की समस्या का समाधान
- देवगढ़ में आईटीआई, पॉलोटेक्निक की कमी को पूरा कराना
1951 से 2018 तक यह बने विधायक
- 1951 में देवगढ़ राज परिवार के संग्राम सिंह चुंडावत पहली बार विधायक बने
- 1957 में नंदावट गांव के फतेहसिंह रावत दूसरे विधायक बने
- 1962 में राज परिवार की लक्ष्मी कुमारी चुण्डावत पहली महिला विधायक बनी, उन्हें दो बार मौका दिया
- 1972 में कांग्रेस के अजमेर निवासी चिमनसिंह भाटी को विधायक चुना
- 1977 में दोबारा मेजर फतहसिंह रावत को दूसरी बार विधायक चुने गए
- 1980 में तीसरी बार लक्ष्मी कुमारी चुण्डावत विधायक बनीं।
- 1985 के चुनाव में लक्ष्मणसिंह रावत विधायक बने
- 1990 में फिर देवगढ़ राज परिवार के मान्धाता सिंह विधायक चुने गए।
- 1995 व 1998 में लगातार दो बार लक्ष्मणसिंह रावत विधायक रहे
- 2003 से 2013 तक लगातार तीन बार नंदावट के रावत परिवार के हरिसिंह रावत विधायक बने।
- 2018 में हरि सिंह रावत के रिश्तेदार सुदर्शन सिंह रावत विधायक बने
विधानसभा की फैक्ट फाइल
- 262 भीम-देवगढ़ में मतदान केन्द्र
- 120 किमी विधानसभा की लम्बाई
- 2,30,706 कुल मतदाता
- 117696 पुरुष मतदाता
- 113010 महिला मतदाता
- 03 अन्य मतदाता
रोचक पहलू
- वर्ष 1995 से अब तक देवगढ़ से कोई विधायक नहीं बना है। भीम विधानसभा से वर्ष 1990 में देवगढ़ पूर्व राज परिवार के सदस्य मान्धाता सिंह विधायक चुने गए, जो कि देवगढ़ के आखिरी विधायक थे। उसके बाद से नंदावट गांव के रावत परिवार से ही लगातार विधायक चुने गए।
Published on:
18 Nov 2023 11:23 am
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