19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rajsamand : सावन-भादो मनोरथ में मनोरम झांकी में बिराजे द्वारकाधीश

- कांकरोली के द्वारकाधीश मंदिर में पीठाधीश पुत्र के जन्म दिवस पर हुए विविध आयोजन

2 min read
Google source verification
Rajsamand : सावन-भादो मनोरथ में मनोरम झांकी में बिराजे द्वारकाधीश

राजसमंद. श्री द्वारिकाधीश मंदिर में शनिवार को सावन-भादो मनोरथ के तहत शयन के दर्शन में ठाकुरजी के लिए सजाई गई झांकी।

राजसमंद. श्री पुष्टिमार्गीय तृतीय पीठ प्रन्यास के श्री द्वारिकाधीश मंदिर में शनिवार को तृतीय पीठ कांकरोली पीठाधीश पुत्र डॉ. वागीश कुमार बावा के जन्म दिवस पर कई कार्यक्रम हुए।
श्री द्वारकाधीश मंदिर में शनिवार को राजभोग के दर्शन में प्रभु श्री द्वारिकाधीश को फूल की मंडली में विराजित किया गया। इस मौके पर जहां एक और प्रभु को विशेष श्रंृगार अंगीकार कराया गया, वही विशेष भोग भी आरोगाया गया। शाम को शयन के दर्शन में प्रभु द्वारिकाधीश को सावन भादो के विशेष मनोरथ में विराजित किया गया। इस मनोरथ के लिए पूरे द्वारिकाधीश मंदिर परिसर में आकर्षक पानी की पाइप लाइन लगाई गई। इसमें दर्शन के समय में निरंतर जल की वर्षा होती रही जो भी श्रद्धालु द्वारिकाधीश प्रभु के दर्शन को पहुंचे वह उक्त जल में भीगते हुए ही ठाकुर जी के दर्शन कर पाए। पूरे मंदिर परिसर में मानो ऐसा माहौल बना जिससे ऐसा लगे कि वर्षा ऋतु का आगमन हो गया हो। गौरतलब है कि तृतीय पीठ कांकरोली पीठाधीश पुत्र डॉ. वागीश कुमार बावा का जन्म दिवस समस्त वैष्णव सृष्टि में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। प्रभु श्री द्वारिकाधीश मंदिर तृतीय पीठ से जुड़े सारे ही मंदिरों में इस अवसर पर विशेष मनोरथ आयोजित हो रहे हैं। इसी क्रम में प्रभु द्वारिकाधीश मंदिर कांकरोली में भी इस तरह के विशेष मनोरथ आयोजित किया गया।

श्रीजी बावा के नाव मनोरथ दर्शन में उमड़ा सैलाब

नाथद्वारा. आराध्य प्रभु श्रीनाथजी के शनिवार सायंकाल भव्य नाव मनोरथ का आयोजन हुआ। इन दर्शनों का लाभ गर्मी की छुट्टियों के चलते सैकड़ों श्रद्धालुओं ने लिया।
शाम को भोग आरती की झांकी के समय सवा 5 बजे खुले इन विशेष दर्शनों का लाभ लेने समय से पूर्व ही बड़ी संख्या में वैष्णव दर्शनार्थी उमड़ पड़े। डोल तिबारी में भरे गए इस जल में सजाई गई नाव में निधि स्वरूप मदनमोहनजी को बिराजित कर मनोरथ कराया गया। दर्शन के लिए पुरुषों एवं महिलाओं को अलग अलग प्रवेश दिया गया। इस दौरान विशेष व्यवस्था के अन्तर्गत श्रद्धालुओं ने दर्शन का लाभ लिया। दर्शन व्यवस्था को लेकर मंदिर मंडल के मुख्य निष्पादन अधिकारी जितेन्द्र ओझा, श्रीनाथ गार्ड के नाहर सिंह डूलावत एवं सेवाकर्मी आदि भी लगे रहे। लगभग पौने तीन घंटे से भी अधिक समय तक चले इन दर्शनों के बाद ठाकुरजी के लिये नाव मनोरथ के जल को जब खोला गया तो श्रद्धालुओं ने इसमें स्नान किया। वहीं सेवाकर्मियों सहित कई लोगों ने इस दौरान गिरिराज धरण के खूब जयकारे लगाए।
श्रीजी बावा के दर्शन श्रद्धालुओं को नहीं हुए : नाव मनोरथ के लिये पूरी डोल तिबारी में जल भरा गया था ऐसे में श्रद्धालुओं को नाव मनोरथ के समय श्रीजी बावा के दर्शन का लाभ नहीं मिल पाया। उल्लेखनीय है कि ज्येष्ठशुक्ल पंचमी को होनेवाला यह नियम का नाव मनोरथ तत्कालीन उदयपुर महाराणा परिवार की राणीजी की ओर से आयोजित किया जाता है।


बड़ी खबरें

View All

राजसमंद

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग