शहर में सिर्फ इनके पास एनओसी
जिला मुख्यालय पर आर.के.राजकीय चिकित्सालय सहित पांच चिकित्साल, पांच स्कूल और सिर्फ चार होटल संचालकों ने फायर एनओसी है। जबकि जिला मुख्यालय पर छोटी-बड़ी सहित 10 से अधिक निजी स्कूलें संचालित है। इसी प्रकार चार-पांच कॉलेज, 10 के करीब छोटे बड़े चिकित्सालय, 3-4 काम्पलेक्स और सिनेमा हॉल संचालित है। इसके बावजूद सिर्फ 14 ने ही फायर एनओसी ले रखी है। जानकारों की मानें तो व्यावसायिक-व्यापारिक प्रतिष्ठान जिनकी ऊँचाई 9 मीटर या इससे अधिक है। किसी भी तल पर कुल निर्माण अथवा सकल निर्माण क्षेत्रफल 500 वर्गमीटर से अधिक है को भी फायर एनओसी लेना आवश्यक होता है।
फायर एनओसी की यह प्रक्रिया
स्थानीय नगर निकाय में ऑनलाइन आवेदन करने पर अग्मि शमन दल की टीम संबंधित प्रतिष्ठान का मुआयना करती है। वहां पर लगाए गए अग्नि शमन यंत्र की जांच, अलार्म सिस्टम, पानी के टैंक, सप्लाई के लिए बिछाई गई पाइप लाइन, आवागमन के रास्ते, आग लगने पर बाहर निकलने के रास्ते, उसके लिए लगाए गए चिन्ह और गेट आदि की जांच करती है। इससे संतुष्ठ होने पर ही फायर एनओसी जारी की जाती है। इससे आग लगने की स्थिति में आमजन की जान बच सकती है।
इसलिए होती है आवश्यक
अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) स्थानीय नगर निकाय के अग्नि शमन विभाग की ओर से जारी की जाती है। यह लाइसेंस सुनिश्चित करता है कि आवासीय या व्यावसायिक संपत्ति आग प्रतिरोधी है और आग दुर्घटनाओं के कारण संपत्ति और जीवन को नुकसान होने की संभावना नहीं है।
नगर परिषद की ओर से दिए जा रहे नोटिस
नगर परिषद क्षेत्र में व्यवसायिक और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को फायर एनओसी नहीं होने पर नोटिस जारी किए जा रहे हैं। कुछ ने आवेदन भी किए हैं। इनकी जांच के बाद फायर एनओसी दी जाएगी। यह सभी के लिए आवश्यक है।