
खमनोर में निर्माणाधीन मेडिट्यूरिज्म एवं आयुष वेलनेस सेंटर
राजसमंद. खमनोर के फतेहपुर ग्राम पंचायत के गांव बिल्ली की भागल में बन रहे प्रदेश के पहले वेलनेस सेंटर का मार्च 2025 तक काम पूरा होने की उम्मीद है। अभी तक 70 फीसदी काम पूरा हुआ है। यह काम दिसम्बर तक पूरा होना था, लेकिन बारिश एवं अन्य कारणों के चलते अब मार्च तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। प्रथम चरण में 30 करोड़ और तीन चरणों में बनने वाले वेलनेस सेंटर पर 112 करोड़ रुपए खर्च होंगे। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 2022 के बजट घोषणा में नाथद्वारा में मेडिट्यूरिज्म एवं आयुष वेलनेस सेंटर बनाने की घोषणा की थी। प्रदेश में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में 30 करोड़ की लागत से बन रहे इस वेलनेस सेंटर के प्रथम चरण का 70 फीसदी काम पूरा हो गया है। तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 12 जून 2022 में इसका शिलान्यास किया था। समारोह के दौरान प्रथम चरण के निर्माण के लिए डीएमएफटी फंड से 30 करोड़ रुपए की घोषणा की थी। प्रथम चरण का कार्य 7 जून 2023 को शुरू किया गया था। कार्य पूर्ण करने की समयावधि दिसम्बर 2024 निर्धारित की गई थी। लेकिन वर्तमान में 70 फीसदी काम ही पूरा हो पाया है। ऐसे में अब कार्य पूर्णता में समय लगने की उम्मीद है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि उक्त कार्य मार्च 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने कई स्थानों पर इसके बनाए जाने की घोषणा की थी। पायलेट प्रोजेक्ट में नाथद्वारा में इसे बनाया जा रहा है।
प्रदेश में एक भी मेडिट्यूरिज्म एवं आयुष वेलनेस सेंटर नहीं होने के कारण यहां के लोगों को केरल आदि जाना पड़ता था। वहां पर समय और खर्चा भी अधिक लगता था। वेलनेस सेंटर के बनकर तैयार होने के पश्चात कार्यकारी एजेंसी इसे संचालक मंडल को सौंपेगी। इसके पश्चात गायत्री परिवार एवं जिला आयुष कमेटी इसका संचालन करेगी। यहां पर योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा से रोगियों का उपचार किया जाएगा। यहां पर आईपीडी और ओपीडी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यहां पर भर्ती मरीजों को योगाभ्यास के साथ प्राकृतिक चिकित्सा के साथ अन्य क्रियाएं भी कराई जाएगी।
मेडिट्यूरिज्म एवं आयुष वेलनेस सेंटर में एडमिन बिल्ंिडग व ट्रीटमेंट सेक्शन, किचन व डाइनिंग हॉल, स्पेशल वार्ड, स्टाफ क्वार्टर, मेडिटेशन हॉल एवं वीआईपी कोटेज का निर्माण करवाया जा रहा है। यहां पर बनने वाले भोजन को बनाने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाना प्रस्तावित है। इसमें एलपीजी का उपयोग नाममात्र का करने की योजना है। ट्रीटमेंट प्लांट में पानी को साफ कर उसका उपयोग खेती अथवा उद्यान में उपयोग किया जाना प्रस्तावित है।
मेडिट्यूरिज्म एवं आयुष वेलनेस सेंटर का अभी भी 25 फीसदी काम शेष है। दिसम्बर तक काम पूरा कराने का प्रयास किया जा रहा है। पहले भी समय सीमा बढ़ाई गई थी। जरूरत पडऩे पर जिला कलक्टर के निर्देशानुसार कार्य किया जाएगा।
Updated on:
05 Nov 2024 11:51 am
Published on:
05 Nov 2024 11:43 am
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