
राजसमंद विद्युत वितरण निगम भवन।
राजसमंद. जिले की धार्मिक नगरी नाथद्वारा की बिजली गुल हो सकती है। इसका कारण 132 केवी जीएसएस पर 95 प्रतिशत लोड बढऩा, हाालांकि अभी सर्दी का सीजन है इसके कारण बिजली की मांग कम है, लेकिन गर्मी में कभी भी समस्या हो सकती है। वर्तमान में संचालित 132 केवी जीएसएस को 220 केवी में अपग्रेड किया जाना बहुत आवश्यक हो गया है।
जिले के नाथद्वारा सबडिवीजन पर करीब 60 हजार उपभोक्ता है। यहां पर कई वर्षो पहले 132 केवी जीएसएस बनाया गया था। आबादी बढऩे के साथ बिजली की मांग भी लगातार बढ़ती जा रही है। स्थिति यह है कि जून 2022 में इस लाइन पर 95 प्रतिशत तक विद्युत भार पहुंच गया था, जबकि निगम के मापदंड के अनुसार किसी भी लाइन पर 80 प्रतिशत से अधिक विद्युत भार नहीं होना चाहिए। इससे विद्युत उपकरणों को नुकसान पहुंचने की संभावना बनी रहती है। हालांकि 220 केवी का जीएसएस देबारी में है, लेकिन वहां से मावली, सनवाड़, दरीबा को भी इसी लाइन से बिजली जा रही है, साथ ही 132 केवी बिलोटा भी प्रस्तावित है। ऐसे में इस लाइन पर विद्युत भार संभव नहीं बताया जा रहा है। उक्त समस्या के समाधान के लिए वर्तमान में 132 केवी जीएसएस को 220 केवी में अपग्रेड किए जाने की आवश्यकता है।
कार्ययोजना बनाने के दिए थे निर्देश
विधानसभा अध्यक्ष सी.पी.जोशी एक अक्टूबर 2022 को नाथद्वारा आए थे। उन्हें इस समस्या से अवगत कराया गया। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम के एसई को 132 केवी नाथद्वारा जीएसएस को 220 केवी में अपग्रेड करने की कार्ययोजना तैयार जयपुर में जमा कराने के निर्देश दिए थे।
औद्योगिक भार बढऩे की संभावना
नाथद्वारा सहित आस-पास के क्षेत्रों में आगामी समय में औद्योगिक भार बढऩ की संभावना बनी हुई है। जानकारों के अनुसार आगामी सालों में 10 मेगावाट तक औद्योगिक भार बढऩे की संभावना बताई जा रही है। ऐसे में 132 केवी को 220 केवी में अपग्रेड करने की आवश्यकता है।
नाथद्वारा में जीएसएस को अपग्रेड करना आवश्यक
132 केवी जीएसएस को 220 केवी में अपग्रेड किया जाना बहुत जरूरी है। विद्युत भार बढ़ता जा रहा है। प्रसारण निगम को कार्ययोजना बनाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने भी निर्देश दिए थे।
- एम.एल. शर्मा, एसई अजमेर विद्युत वितरण निगम राजमसंद
Published on:
25 Nov 2022 11:05 am
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