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अध्ययन प्रमाण पत्र के अभाव में डेढ़ हजार बेसहारा बच्चों के अटके 75 लाख

पालनहार योजना का हश्र, शिक्षा विभाग व आईसीडीएस उदासीन, कलक्टर के आदेश भी दरकिनार Palanhar payment stuck in the absence of study certificate of children

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अध्ययन प्रमाण पत्र के अभाव में डेढ़ हजार बेसहारा बच्चों के अटके 75 लाख

लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ Rajsamand

अनाथ व बेसहारा बच्चों के पालन-पोषण के 75 लाख रुपए की सहायता राशि शिक्षा विभाग (Edudcaion department) तथा महिला एवं बाल विकपास विभाग (ICDS) की बेपरवाही के चलते अटक गई है। पालनहार योजना (Palanhar Yojana) के पात्र छात्र छात्राओं के विद्यालय में नियमित अध्ययन के प्रमाण पत्र (study certificate of destitute children) ई मित्र के माध्यम से अपडेट नहीं होने की वजह से सरकार ने भुगतान रोक लिया है। वंचित छात्रों को बकाया भुगतान देने के लिहाज सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने विद्यालय वार छात्रों की सूची शिक्षा विभाग को उपलब्ध करवा दी। फिर भी न तो विद्यालय प्रधानाचार्य गंभीर है और न ही वंचित बच्चों के नियमित अध्ययन प्रमाण पत्र बनकर ऑनलाइन पालनहार पार्टल पर डाटा अपडेट हो पाए हैं।

पालनहार योजना (Palanhar Yojana) के तहत जिले में 0 से 18 वर्ष तक की उम्र के 11 हजार 138 छात्र छात्राएं है, जो स्कूल व आंगनवाड़ी केंद्रों पर अध्ययनरत है। जिन जिन छात्रों के आधार कार्ड शाला दर्पण व शाला दर्शन पोर्टल पर स्कूल संचालकों द्वारा अपडेट कर रखे हैं, उनके नियमित अध्ययन का सत्यापन ऑटोमेटिक पालनहार पोर्टल पर होकर उन्हें नियमित प्रतिमाह 1-1 हजार रुपए की सहायता राशि मिल रही है। जिन बच्चों के आधार कार्ड अपडेट नहीं है, उनके नियमत अध्ययन प्रमाण पत्र बना कर ई मित्र केन्द्रों पर जाकर पालनहार पोर्टल पर अपडेट करवाने है। वंचित करीब डेढ़ हजार बच्चों की सूची तैयार की। आंगनवाड़ी केंद्र पर पढऩे वाले करीब 147 बच्चे और 1109 छात्र सरकारी- निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं, मगर उनके नियमित प्रमाण पत्र अपडेट नहीं हुए हैं, जिनकी सूची सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता विभाग ने शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, सभी उपखंड अधिकारी और पंचायत समिति के विकास अधिकारियों को भी भेज दी गई। खंड शिक्षा अधिकारियों को भेज दी, फिर भी करीब छह माह बाद भी 1256 बच्चों के अध्ययन प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं हो पाए हैं। इस कारण 1256 बच्चों के पालनहार सहायता के करीब 75 लाख 36 हजार रुपए का भुगतान सरकार ने रोक लिया है, जिसका खमियाजा बेसहारा बच्चों और उनके पालनहारों को भुगतना पड़ रहा है।

कलक्टर के आदेश भी दरकिनार
मई- जून 2019 से अध्ययनरत बच्चों के नियमित अध्ययन का सत्यापन नहीं होने पर जिला कलक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने भी प्रारंभिक व माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी, आईसीडीएस उप निदेशक के साथ सभी स्कूलो को निर्देशित किया गया। इसके बावजूद न तो शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया और न ही वंचित बच्चों का सत्यापन हो पाया है। इसके अलावा सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग ने छह माह में दस से ज्यादा स्मरण पत्र भिजवा दिए गए हैं। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। (Palanhar payment stuck in the absence of study certificate of children)

ये बच्चे है पात्र
सभी अनाथ बच्चे, मृत्युदंड या आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता के बच्चे, निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता के तीन बच्चे, पुनर्विवाहित विधवा माता के सभी बच्चे, एचआईवी एड्स पीडि़त माता-पिता के बच्चे, नाता जाने वाली माता के तीन बच्चे, विशेष योग्यजन माता-पिता के सभी बच्चे तथा तलाकशुदा या परित्यक्ता महिला के सभी बच्चे पालनहार के पात्र है।

यह मिलती है राशि
छह साल तक के बच्चों को 500 रुपए तथा 6 से 18 साल तक की उम्र के बच्चों को हर माह 1000 रुपए अनुदान देय है। इसके अलावा 2000 रुपए वार्षिक अतिरिक्त एकमुश्त दिए जाते हैं।

स्कूल से प्रमाण पत्र लें, ई मित्र से कराएं अपडेट
पालनहार योजना के पात्र छात्रों को राशि नहीं मिल रही है, तो वे तत्काल संबंधित सरकारी या निजी स्कूल से नियमित अध्ययनरत होने का लिखित प्रमाण पत्र बनवा लें। फिर उसे नजदीकी ई मित्र केन्द्र पर जाकर अपडेट करवा सकते हैं, ताकि उसे पालनहार की राशि उसके बैंक खाते में जमा हो जाएगी। साथ ही सभी निजी व सरकारी स्कूलों को वंचित छात्रों के आधार कार्ड को शाला दर्पण व शाला दर्शन पर अपडेट कर दें, ताकि स्वत: नियमित अध्ययनरत होने का सत्यापन ऑनलाइन ही हो जाएगा। इसके लिए आधार कार्ड संख्या, बैंक खाता संख्या व अपडेट मोबाइल नम्बर भी देने होंगे।

स्कूलों को कई बार लिख दिया
पालनहार बच्चों के नियमित अध्ययन प्रमाण पत्र का डाटा अपडेट नहीं हो रहा है। वंचित बच्चों की सूची आईसीडीएस व शिक्षा विभाग के माध्यम से स्कूलों को भेज दी गई है। वंचित छात्रों को डाक पत्र भी भेजे गए हैं। इसके लिए कई स्मरण पत्र लिखे जा चुके हैं। जिला कलक्टर द्वारा भी निर्देश जारी किए गए हैं। वंचित छात्र प्रमाण पत्र बनाकर ई मित्र केंद्र से अपडेट करवा सकते हैं, जिससे उनके खाते में पालनहार की राशि आ जाएगी। जब तक नियमित अध्ययन का सत्यापन नहीं होगा, तब तक भुगतान नहीं होगा।
गिरीश भटनागर, उप निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग Rajsamand (Social justic department rajsamand)

जल्द करवाएंगे सत्यापन
पालनहार से वंचित बच्चों के अध्ययन प्रमाण पत्र के लिए सभी सीबीईओ को निर्देश दिए गए हैं। रिमाइंडर जारी कर व्यक्तिगत तौर पर सभी स्कूलों को कॉल कर वंचित बच्चों के अध्ययन प्रमाण पत्र बनाने के सख्त निर्देश दिए हैं। मैंने व्यक्तिगत कॉल कर पाबंद कर दिया है और जल्द से जल्द वंचित बच्चों के सत्यापन की कार्रवाई की जाएगी।
सोहनलाल रेगर, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी समग्र शिक्षा विभाग Rajsamand