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Rajsamand News : राजस्थान के इस शहर की पढ़े टॉयलेट एक शर्म कथा…जानें पूरा मामला

नगर परिषद की ओर से शहरवासियों को उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं की स्थिति बेहद बदत्तर होने के बावजूद जनप्रतिनिधि और नगर परिषद प्रशासन इस और ध्यान नहीं दे रहा है। इसके कारण आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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राजसमंद. प्रदेश में भाजपा सरकार के एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर कार्यक्रमों का आयोजन कर वाह-वाही लूटी जा रही है, लेकिन आमजन को उपलब्ध कराई जानी सुविधाओं की और कोई ध्यान नहीं दे रहा है। नगर परिषद की ओर से आमजन को उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं की स्थिति बेहद खराब है। नगर परिषद की ओर से आमजन के लिए सार्वजनिक स्थानों पर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। इसकी सार-संभाल के साथ साफ-सफाई की जिम्मेदारी भी नगर परिषद की होती है। लेकिन स्थिति यह है कि नगर परिषद के अधिकांश शौचालय-मूत्रालयों की स्थिति खराब है। कहीं पर पानी नहीं है तो कहीं पर गेट टूटा हुआ है। इसके बावजूद नगर परिषद प्रशासन, जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन के आला अधिकारी इस और ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस अनदेखी के कारण आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ता है। राजस्थान पत्रिका की टीम ने राजनगर और सनवाड क्षेत्र में आमजन के लिए बनवाई गई सुविधाओं की िस्थति देखी तो हकीकत सामने आ गई।

शहरों और गांवों में टॉयलेट्स की बिगड़ी हालत

राजसमंद शहर में और आस-पास के गांवों में शौचालयों की स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है। कुछ शौचालय तो साफ-सफाई के अभाव में पूरी तरह से बंद पड़े हैं, जबकि कई जगहों पर शौचालय गंदगी और बदबू से भरे हुए हैं, जिससे लोगों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे हालातों में लोगों का वहां से गुजरना भी दूभर हो रहा है। बाजार हो या बस स्टैंड्स सभी जगहों पर स्थिति खराब है। कई स्थानों पर तो शौचालयों का साफ-सफाई का काम बिल्कुल न के बराबर हो रहा है, जिससे उन्हें उपयोग के लायक भी नहीं छोड़ा गया है।

आखिर क्यों है यह समस्या?

विभिन्न कारणों से शौचालयों की स्थिति खराब हो रही है। गलत रखरखाव, सफाई कर्मियों की कमी, और प्रशासन की अनदेखी के चलते यह समस्या बढ़ी है। कई जगहों पर शौचालय तो बने हैं, लेकिन साफ-सफाई की जिम्मेदारी का ठीक से पालन नहीं हो रहा है, जिससे लोग मजबूरी में खुले में शौच जाने के लिए विवश हो जाते हैं।

केस : 01

राजनगर स्थित सदर बाजार दाड़ी चबूतरा के निकट आमजन के लिए मूत्रालय बना हुआ है। उसकी स्थिति देखने पर प्रतीत होता है कि उसकी कई माह से सफाई नहीं हुई है। वहां लगी टाइल्स आदि भी टूटी हुई है। बदबू के कारण इसके पास से गुजरना भी मुश्किल है। पानी की भी कोई व्ययवस्था नहीं है।

केस : 2

राजनगर स्थित फव्वार चौक के निकट भी मूत्रालय बना हुआ है। लेकिन इसमें सिर्फ चीनी का पॉट शेष बचा है। इसके अलावा नीचे लगने पाइप, उपर पानी के लिए लगने वाला पाइप सब गायब है। पानी की व्यवस्था नहीं है। पॉट में शराब के पव्वे, पॉलीथिन आदि गंदगी भरी हुई है।

केस : 3

सनवाड़ में सुलभ शौचालय बना हुआ है। यहां पर आने वाले लोगों को समुचित सुविधाएं नहीं मिल रही है। शौचालय का गेट टूटा हुआ है। इसके पास बनी सुविधाओं की फर्श टूटी हुई है। साफ-सफाई का अभाव है। साथ ही पानी की व्यवस्था नहीं है। इसके पास बने मूत्रालय में मलबा भरा हुआ है।

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