राजस्थान के इस प्रसिद्ध पुष्टिमार्गीय मंदिर के पीठाधीश की कुर्सी पर फंसा पारिवारिक लड़ाई का पेंच
राजसमंदPublished: Jun 09, 2023 12:05:49 pm
Dwarkadheesh mandir Kankroli वैष्णव सम्प्रदाय की तृतीय पीठ कांकरोली के द्वारकाधीश मंदिर के पीठाधीश की गादी तीन माह बाद भी खाली, गत 27 फरवरी को 83 साल की उम्र में हुआ था गोस्वामी बृजेश कुमार का निधन


जितेन्द्र पालीवाल/राजसमंद. वैष्णव सम्प्रदाय की तृतीय पीठ कांकरोली के श्री द्वारकाधीश मंदिर के नए पीठाधीश का गादी समारोह गोस्वामी परिवार के अंदरूनी विवादों व अदालती पेंच में उलझ गया है। एक पक्ष की ओर से रखी गई संयुक्त पीठाधीश की शर्त मनवाने की कोशिशों के बीच मंदिर ट्रस्ट के नए अध्यक्ष व गादी समारोह पर असमंजस के बादल मण्डरा रहे हैं। वैष्णव सम्प्रदाय और मंदिर सेवादारों में भी इसकी चर्चाएं हैं।
मंदिर सूत्रों के मुताबिक 83 वर्ष की उम्र में गोस्वामी बृजेश कुमार के निधन के तीन माह बाद भी नए पीठाधीश का गादी समारोह इसलिए तय नहीं हो पाया है, चूंकि गोस्वामी परिवार के एक पक्ष के वरिष्ठ सदस्यों ने तीन लोगों को संयुक्त पीठाधीश बनाने की शर्त रख दी है। कानूनी तौर पर ऐसा मुमकिन नहीं है। हालांकि एक पक्ष ने गत 23 अप्रेल को 'आचार्य तिलकोत्सवÓ के नाम से गादी तिलक कार्यक्रम भी तय करते हुए इसका फौरी प्रचार कर दिया था, लेकिन बाद में कदम खींच लिए।
जानकार बताते हैं कि गादी समारोह मंदिर ट्रस्ट को तय करना होता है। चूंकि दूसरा पक्ष संयुक्त पीठाधीश की व्यवस्था चाहता है और ट्रस्ट का मामला हाईकोर्ट में भी है, लिहाजा गोस्वामी परिवार का कोई भी पक्ष अब गादी समारोह को लेकर ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है। ट्रस्ट नियमानुसार संयुक्त तिलकायत या पीठाधीश नहीं हो सकता है। जानकारी बताते हैं कि बृजेश कुमार करीब 42 साल पहले तत्कालीन तृतीय गृहस्वामी बृजभूषणलाल का देवलोकगमन होने पर 14वें पीठाधीश बने थे। इधर, इस सम्बंध में पत्रिका ने ट्रस्टी मुकेश भाई मेहता, गोस्वामी परिवार के पराग कुमार सम्पर्क किया तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। मंदिर प्रशासन भी चुप्पी साधे हुए है।