
नाथद्वारा. बद्रीनाथ, द्वारिकानाथ, रंगनाथ आदि चारों धाम के दर्शन को यदि कोई नहीं जा सके तो कोई बात नहीं, यहां बिराजित साक्षात् प्रभु श्रीगोवर्धनाथ (श्रीनाथजी) के दर्शन कर लेता है, तो भी उसे चार धाम की यात्रा का पुण्य प्राप्त होता है। वहीं जो व्यक्ति इन चार धाम के दर्शन कर ले एवं यहां श्रीजी बावा के दर्शन नहीं करता है, तो उनकी यात्रा को पूर्णता की छाप नहीं लगती है। गोवत्स युवा संत राधाकृष्ण महाराज ने नाथद्वारा में श्रीजी रस महोत्सव के श्रीगणेश कर प्रथम दिन के वृतांत में ठाकुरजी के भाव का बखान किया। इस दौरान पुंडरीक गोस्वामी महाराज ने भी बखान किया। गोवर्धन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान पर आयोजित रस महोत्सव में संत राधाकृष्ण महाराज ने कहा कि प्रभु श्रीनाथजी यहां पदार्पण में अजब कुंवरी बाई के वृतांत को भी उल्लेखित करते हुए ठाकुरजी को पधारो म्हारे देश के साथ भजन से भक्तिमय माहौल को मेवाड़ की संस्कृति से जोडक़र चार चांद लगा दिए। इस अवसर पर उनके साथ ही व्यासपीठ पर बिराजित वैष्णवाचार्य पुंडरीक गोस्वामी महाराज ने भी श्रीजी बावा के भावों का बखान किया। राधाकृष्ण महाराज ने कहा कि आज जहां भी कोई संत विद्धवजन आदि आता है तो अधिकांश नजारा यह दिखता है कि वो उनके आशीर्वाद लेने से पहले जब उनके कक्ष या आश्रम में जाता है तो फोटो या वीडियो मोड़ पहले स्टार्ट करता है और फिर साथ में फोटो खिंचवा रहा है सेल्फी ले रहा है। यह देखने को मिलता है।
कथा में ये भी थे उपस्थित
अमेरिका से आए इन्द्रद्युमन महाराज एवं वृंदावन के श्रीधाम आश्रम के स्वामी किशोरदास देवजू महाराज भी थे। कार्यक्रम में एसपी मनोज कुमार, एसीबी एएसपी राजेश चौधरी का भी राधाकृष्ण महाराज ने सम्मान किया।
ठाठ बाट से निकाली पौथीयात्रा
इस अवसर पर प्रभु श्रीनाथजी मंदिर से प्रात: पौथी यात्रा निकाली गई जो शहर के विभिन्न मार्गों से होकर रस महोत्सव पांडाल पहुंची । यात्रा में सैंकड़ों श्रद्धालु भजन कीर्तन करते चल रहे थेे ।
देश की सीमा पर बालकों का रूदन का करो खात्मा
पुडरीक महाराज ने कहा कि बादलनम् रोदनमं बलम अर्थात बालक के रोने का जो रूदन है। वो तोप व बंदूक से भी बड़ा बल है। इस दौरान कोई भी आसपास होता है तो वो उसको बंद करना ही चाहता है। ऐसे में यदि देश की सीमा पर बालकों का यदि रूदन हो जाता है तो दुश्मन भी वहां से साफ हो जाएगा।
छोटे छोटे कारणों से खुश रहना सीखो
राधाकृष्ण महाराज ने कहा कि यदि जिंदगी में ख्खुश रहना है तो छोटे छोटे कारणों को अपने अंतर्मन में खुश रहने के लिये जोड़ो पूरा जीवन आनंदमय हो जाएगा। यह जीवन बार बार नहीं मिलता है। इसके लिये सभी को इस और लगना चाहिए ।
रंगमहल की रंगभरी झांकी सजाई
मेवाड़ का नाहर नृत्य भी हुआ। रस महोत्सव के साथ सायंकालिन समय में रंग महल की झांकी सजाई गई । वहीं ख्याति प्राप्त कलाकारों के द्वारा मेवाड़ का प्रसिद्ध नाहर नृत्य भी किया गया । जिसमें कई मोहक प्रस्तुतियां हुई।
Published on:
27 Dec 2017 05:29 pm
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